मुजफ्फरनगर. कोविड-19 के संक्रमण को लेकर एक साल पहले आज के ही दिन 22 मार्च 2020 को पूरा नगर जनता कर्फ्यू की चपेट में था। सड़के सुनसान थी और लोगों के मन में कोरोना को लेकर जबर्दस्त दहशत थी। उस समय कहा जा रहा था कि इस बीमारी का कोई इलाज नही है। कोरोना की वैक्सीन बनाने में देशभर के ही नही बल्कि पूरे विश्व के वैज्ञानिकों को नौ माह से भी अधिक का समय लगा। देश में वैक्सीन को जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया। लोगों के मन से कोरोना का डर समाप्त होने लगा। सभी को पता चल गया कि इम्युनिटी अच्छी है तो कोरोना कुछ नही बिगाड़ सकता। केवल होम आइसोलेशन में देखरेख से कोरोना संक्रमण ठीक हो जाएगा। मन से डर निकला तो लापरवाही बढ़ने लगी। और अब एक साल बाद फिर से कोरोना संक्रमण पैर पसारने लगा है। जब तक सरकार की सख्ती रही, तब तक तो लोग घरों में कैद रहे, पर इसके बाद जैसे ही अनलॉक की गाइड लाइन में छूट मिलती रही और पूरी तरह से अनलॉक हो गया तो लोग कोरोना गाइड लाइन भूल गए। सोशल डिस्टेसिंग के साथ मास्क लगाना और सेनेटाइजर इस्तेमाल करना बहुत कम हो गया। यही कारण है कि 23 फरवरी को जो एक्टिव केस केवल तीन रह गए थे वह 22 मार्च को बढ़कर 66 हो गए हैं।