मुजफ्फरनगर। किसान महापंचायत भीड़ के लिहाज से काफी सफल रही। मुजफ्फरनगर को यूं तो आंदोलन की धरती कहा जाता है और यहां की जनता ने अनेक बड़े आंदोलन देखे और उनमें हिस्सेदारी भी की, लेकिन किसान आंदोलन के लिए इतनी बड़ी पंचायत पहली बार देखने को मिली। इस महापंचायत में शामिल होने के लिए आने वाले किसानों की भीड़ का आलम यह था कि शहर के चारों ओर जाम ही जाम नजर आया।
पहली बार किसी महापंचायत के लिए जनपद मुजफ्फरनगर में उत्तर से दक्षिण तक के लोग एक साथ, एक मंच और एक पंडाल में जुटे दिखाई दिये। पहली बार यहां पर आंदोलन के लिए महिलाओं की हिस्सेदारी भी देश के अनेक और सुदूरवर्ती इलाकों से हुई। यहां पर आंदोलन के लिए यूं तो किसानों के पहुंचने का सिलसिला शुक्रवार और शनिवार से लगातार बना हुआ था।
रविवार की सुबह से ही किसानों के वाहनों का रैला मुजफ्फरनगर की सीमाओं में प्रवेश करने पर यातायात व्यवस्था चौपट हो गयी। संयुक्त एकता मोर्चा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मुजफ्फरनगर शहर की सीमा के 20 किलोमीटर तक लगे लम्बे जाम की वीडियो शेयर करते हुए इस महापंचायत में किसानों की उमड़ रही भीड़ को दर्शाने का काम किया। शहर के चारों ओर की सीमा किसानों के वाहनों के रैले के कारण जाम रहीं।
शहर से लेकर बायपास तक वाहन ही वाहन नजर आ रहे थे। पूरा शहर हरी टोपी और हरे व पीले झण्डों वाली भीड़ से पट गया था। जिधर देखों किसानों के जत्थे ही जत्थे दिखाई देते थे। किसानों के वाहनों के लिए यूं तो शहर में 6 पार्किंग आयोजकों ओर पुलिस प्रशासन द्वारा तय किये गये थे, लेकिन इन पार्किंग होने के बावजूद भी किसान अपने वाहनों के साथ पंचायत स्थल तक पहुंचते रहे। यातायात व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस के साथ वालिंटियर भी जुटे रहे। किसानों की भीड़ का आलम यह था कि सभी रूट प्लान धरे रह गये।
यहां तक की किसानों ने अपने रास्ते खुद ही बनाने का काम किया। जहां भी उनको प्रतिबंध नजर आया, वहां पर किसानों ने बंदिशों का तोड़ने का काम किया। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। इसमें पंजाब के कुछ सरदार किसान पंचायत स्थल से निकलकर महावीर चौक और प्रकाश चौक होते हुए सर्विस क्लब वाले गेट से कचहरी में प्रवेश कर गये। वह जजी कम्पाउंड से होकर रेलवे रोड की ओर खुलवाने वाले गेट पर पहुंचे तो उनको गेट में ताला लगा मिला। इस पर वापस लौटने के बजाये इन किसानों ने जजी कम्पाउंड के इस गेट का ताला पत्थर से तोड़ने में जुट गये।