मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव की तारीख आखिरकार 5 दिसंबर को तय कर दी गई है। इस सीट पर आठ दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। चुनाव की घोषणा के साथ ही एक बार फिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के गठबंधन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि मैनपुरी लोकसभा, रामपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उतारे जाएंगे। वहीं मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। खतौली विधानसभा सीट पर लगातार सपा उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ रहा था। हाल में ही सपा की इस घोषण से पहले जयंत चौधरी ने कहा था कि खतौली विधानसभा सीट पर रालोद का मजबूत प्रत्याशी उतारा जाएगा। अब ये भी चर्चा है कि अखिलेश यादव को जयंत चौधरी पर दांव खेलना कितना फायदा पहुंचाएगा।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में खतौली विधासभा सीट पर सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी राजपाल सिंह को मैदान में उतारा गया था। तब रालोद प्रत्याशी राजपाल सिंह को बीजेपी के विक्रम सैनी से हरा दिया था। जयंत चौधरी के इस दमदार उम्मीदवार को करीब 16 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले विक्रम सैनी ने सपा के चंदन सिंह को 31 हजार वोट से हराया था। एक बार फिर इस सीट पर रालोद राजपाल सिंह को मौके दे सकती है। दूसरी तरफ विक्रम सैनी की विधानसभआ सदस्यता रद्द होने के बाद उनके पत्नी राजकुमारी देवी को बीजेपी (BJP) से टिकट मिलने की संभावना है।
सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को रालोद से गठबंधन का फायदा नहीं मिला। यूपी की आबादी में 2 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले जाट वोट बैंक को सपा में ट्रांसफर करने के लिए यह गठबंधन किया गया। लेकिन जहां 2017 में सपा को 57 प्रतिशत जाट वोट मिले थे। वहीं गठबंधन के बाद 2022 में सपा को महज 22 प्रतिशत जाट वोट मिले। गठबंधन के बाद सपा का जाट वोट बैंक ग्राफ गिरा। वहीं सपा ने रालोद को गठबंधन में 33 विधानसभा सीटें दी थी। हालांकि रालोद इसमें केवल 8 सीट ही जीत पाई थी।
मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता हाल में रद्द हो गई है। कोर्ट ने विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर कवाल दंगे में दो साल सजा सुनाई थी। जयंत चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर खलौती सीट को रिक्त घोषित न करने पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद खतौली सीट को नियम के तहत रिक्त घोषित किया गया। वहीं चुनाव आयोग के मुताबिक खतौली विधानसभा सीट पर 10 नवंबर को अधिसूचना, 17 नवंबर तक नामांकन, 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच, 21 नवंबर तक नामांकन वापस लेना तय किया गया है। 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को मतगणना होगी, जिसके बाद रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।