मुज़फ्फरनगर।   शहर के भोपा रोड और रेलवे स्टेशन के सामने की जमीन के मुद्दे को लेकर सपा सांसद हरेंद्र मलिक और पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान के बीच बिना एक-दूसरे का नाम लिए बिना आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। मलिक ने लोकसभा में मुद्दा उठाया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि दो माह से जिले में भूमाफिया सक्रिय हो गए हैं।

पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली के परिवार की शहर के भोपा रोड पर करीब 570 बीघा जमीन थी। लियाकत अली के भाई सज्जाद अली खां एक मार्च 1947 से पहले ही पाकिस्तान चले गए थे। इस वजह से उनके विक्रय पत्र पर सवाल उठाए गए। जमीन पर काबिज लोगों ने एक बड़ा हिस्सा शहर के द्वारिकापुरी, गांधी कॉलोनी समेत अन्य प्रमुख क्षेत्र के लोगों को विक्रय कर दिया। समाजसेवी राधेश पप्पू ने मामले की शिकायत की तो साल 2019 में जांच शुरू हुई। जमीन के विक्रय और निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। जमा पूंजी खर्च कर यहां जमीन खरीद चुके इन कॉलोनियों के लोग परेशान हैं।

सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने बिना नाम लिए पूर्व मंत्री की तरफ इशारा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। लोकसभा में भी बिना किसी का नाम लिए सांसद ने यह मुद्दा उठाया है।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि गांधी कॉलोनी क्षेत्र के आमजन के पक्ष में उन्होंने प्रशासन को पत्र लिखा था। जिन लोगों ने रुपये देकर संपत्ति खरीदी है, उनकी कोई गलती नहीं है। ऐसे लोगों को राहत मिलनी चाहिए। वह लगातार इसकी पैरवी प्रशासन से करते रहे हैं।

सांसद हरेंद्र मलिक ने लोकसभा में कहा कि संपत्ति को गलत तरीके से शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में एक सत्तासीन व्यक्ति की कॉलोनी है। प्राइवेट बिल्डर के लाभ के लिए ऐसा किया गया है। गांधी कॉलोनी, द्वारिकापुरी के लोग बैंक से लोन तक भी नहीं ले पा रहे हैं। धार्मिक स्थल की जमीन को शत्रु संपत्ति बनाया, अब यहां कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी है।

जिले में वक्फ की 2489 संपत्तियां हैं। सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति नवाब अजमत अली खां के नाम से है। सरकार ने लोकसभा में वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ अधिनियम पेश किया था। संयुक्त संसदीय समिति ही इस पर फैसला करेगी।

राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोड़ा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर रेलवे स्टेशन के सामने की संपत्ति की जांच कराने की मांग की थी। एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार ने बताया कि जो लोग काबिज हैं, उनसे प्रमाण मांगे गए थे, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। सोमवार को दोबारा मामले की पत्रावलियां दिखवाई जाएंगी।