बागपत। डोप टेस्ट में पॉजीटिव मिलने के बाद सैड़भर गांव के चारों एथलीट को साई सेंटर लखनऊ से निकाल दिया गया तो उनके तीन साथी भी साई सेंटर छोड़कर भाग निकले। सेंटर से भागने वाले तीन एथलीटों का भी डोपिंग टेस्ट हुआ था, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आने की बात कही जा रही है।
लखनऊ के साई सेंटर में जिले के करीब दस एथलीट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनका कुछ महीने पहले डोपिंग टेस्ट कराया गया। इसमें राज्य स्तरीय भोरोत्तोलक सुहेल, निर्णय यादव, हर्षवर्धन और सनीर के डोप टेस्ट में पॉजीटिव मिलने पर साई सेंटर लखनऊ से निकाल दिया गया तो वहां कोचिंग करने वाले उनके तीन साथी भी डर गए। जो रिपोर्ट आने से पहले ही लखनऊ साई सेंटर छोड़कर भाग आए। उधर डोपिंग टेस्ट में पॉजीटिव मिले दो एथलीट गांव आ गए, जबकि दो दिल्ली चले गए।
कुश्ती, कबड्डी, निशानेबाजी से लेकर अन्य खेलों में डंका बजाने वाले बागपत जनपद का दामन भी डोपिंग का दाग लगने से दागदार हो गया। जबकि इससे पहले कई खिलाड़ी प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के दौरान डोपिंग टेस्ट पास कर आगे बढ़ चुके हैं। जिन्होंने कई पदक भी जीते।
डोपिंग में पॉजीटिव मिले एथलीटों की जांच यूरीन का सैंपल लेकर कराई गई थी। एथलीट हर्ष का कहना है कि उसने प्रशिक्षण के दौरान दवा का सेवन किया, लेकिन दवा के प्रतिबंधित होने और उसके असर के बारे में कुछ नहीं पता था। एथलीट सनीर ने बताया कि उसने दवाई ली थी, लेकिन दवा के प्रतिबंध होने की जानकारी नहीं थी। उधर एथलीट निर्णय यादव और हर्ष वर्धन का फोन बंद मिला। इनके परिजनों ने कोई जानकारी नहीं होने की बात कहीं।
डोपिंग किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। डोपिंग से एथलीट ही नहीं, बल्कि पूरा समाज दूषित होता है। डोपिंग के खिलाफ अभियान जारी रहेगा, इसके लिए समाज को भी एकजुट होकर युवाओं को समझाना पड़ेगा। – सबीना यादव, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश वेटलिफि्टंग एसोसिएशन।