मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद में प्रस्तावित निर्माण कार्यों की ई-निविदाओं में नियमों के विपरीत दस्तावेज लगाने वाले चार ठेकेदारों पर टेंडर की प्रक्रिया में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ईओ प्रज्ञा सिंह ने चारों ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दिया है। नगरपालिका परिषद ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व शहरी विकास के लिए 102 निर्माण कार्यों को हरी झंडी दी थी।

इसके लिए ई निविदा की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, जिसमें 11 दिन की प्रक्रिया के आधार पर निविदा आमंत्रित की गई। इसी बीच कुछ सभासदों ने नियमों के विपरीत बताते हुए कम से कम 21 दिन की प्रक्रिया के नियम का हवाला देते हुए निरस्त करने की मांग चेयरपर्सन से की तो यह निविदा प्रक्रिया रोक दी गई थी।

अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। निर्माण विभाग के एई अखंड प्रताप सिंह ने ई-निविदा आमंत्रित की, लेकिन 102 में से केवल 15 निर्माण कार्यों की ई-निविदा ही खुल पाई, जबकि अन्य निविदा एक या दो ठेकेदार और फर्जी एफडीआर होने के कारण निरस्त कर दी गई। जब निर्माण विभाग ने ई निविदाओं में ठेकेदार फर्मों प्रपत्रों की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि कई ठेकेदारों ने अधिकांश निरस्त ई निविदाओं में फर्जी एफडीआर लगाईं थी। इसी फर्जीवाड़े के कारण इन ई निविदाओं को निरस्त करना पड़ा।

पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बुधवार को जांच में दोषी पाए गये चार ठेकेदारों को नोटिस जारी करते हुए निर्माण कार्यों की ई निविदाओं में इन चारों फर्मों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि निर्माण विभाग में पंजीकृत ठेकेदार फर्म शिव कंस्ट्रक्शन के शानू चौधरी, बुड़ीना खुर्द निवासी नवीन कुमार कांट्रैक्टर, श्याम कुमार कांट्रैक्टर और प्रेमपुरी निवासी रोबिन गोयल को नोटिस जारी किया गया है। ये फर्म राज्य वित्त एवं 15वें वित्त के अन्तर्गत निर्माण कार्यों की निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे।