मुजफ्फरनगर।  शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कर रही निजी क्षेत्र की कंपनी एमआइटूसी के करीब 300 सफाई कर्मी पीएफ का पैसा खातों में न भेजे जाने का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर चले गए। उन्होंने घरों से कूड़ा उठान नहीं किया। जिससे गणतंत्र दिवस के मौके पर गंदगी से शहर का बुरा हाल रहा। घर से कूड़ा न उठने से लोगों ने चौक-चौराहों पर कूड़ा डाल दिया। जिससे गंणतत्र दिवस पर सफाई व्यवस्था बिगड़ सकती है।

हड़ताल के चलते कूड़ा कलेक्शन गाड़ियां पार्क में ही खड़ी रहीं। कंपनी अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। कंपनी प्रभारी की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट को लिखित में अवगत कराया कि दो माह का पीएफ दिए जाने की बात पर भी कर्मचारी नहीं मान रहे। आरोप लगाया कि यूजर चार्ज का हिसाब मांगा गया तो कर्मियों ने कूड़ा कलेक्शन वाहन रोक दिए। जिस कारण शहर के 55 वार्डो में कूड़ा कलेक्शन नहीं हुआ। कंपनी कर्मियों का नेतृत्व कर रहे संजय कुमार ने आरोप लगाया कि उनका दो माह का पीएफ रोका गया है। आरोप लगाया कि पीएफ मांगा तो उससे भी इंकार कर दिया गया। इस वजह से हड़ताल की घोषणा कर दी गई। कंपनी सीईओ आनंद कुमार हड़ताली कर्मियों के बीच पहुंचे और उन्होंने यूजर चार्ज का हिसाब दिए जाने की बात कही। जिस पर कर्मचारियों ने पीएफ उनके खाते में भेजने की मांग की। दोनों पक्ष में देर तक वार्ता के बावजूद कोई हल नहीं निकल सका।

कंपनी के प्रोजेक्ट हेड कुलदीप सिंह का कहना है कि सुपरवाइजर क्षेत्र में लगातार यूजर चार्ज की वसूली कर रहे हैं, लेकिन वह कंपनी को पैसा नहीं जमा करा रहे। आरोप लगाया कि एक-एक सुपरवाइजर डेढ़ लाख से अधिक की वसूली किए हुए है। जमा नहीं कराने से कंपनी को दिक्कत हो रही है। बार-बार कहने पर हड़ताल कर दी जाती है। सोमवार को भी हड़ताल कर दी गई थी। लिखित में समझौते के बाद कर्मचारी काम पर लौटे थे। उन्होंने बताया कि सारी स्थिति से सिटी मजिस्ट्रेट को अवगत करा दिया गया है। उन्हें लिखित में दिया गया है। पालिका ईओ डॉ.प्रज्ञा सिंह का कहना है कि वह कंपनी कर्मचारियों की हड़ताल को गंभीरता से ले रही है। इस मामले में कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।