शामली में राजेंद्र मलिक को गठवाला खाप का नया चौधरी बनाते हुए पगड़ी पहनाई गई। सभी खाप चौधरियों ने लिसाढ़ गांव में पहुंचकर बाबा चौधरी हरिकिशन मलिक की रस्म पगड़ी में उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेंद्र मलिक को गठवाला खाप की पगड़ी बांधकर जिम्मेदारी सौंपी।

बालियान खाप के चौधरी और भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत भी शोकसभा में शामिल हुए। बता दें कि खाप पंचायत व्यवस्था है, जो परंपराओं और देश की संस्कृति को बचाने की दिशा में काम करती हैं। यही नहीं, किसानों ग्रामीणों की भलाई के लिए किए गए आंदोलनों में भी सांझेदारी निभाती है। देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह है।

गठवाला खाप के बाबा चौधरी हरिकिशन मलिक के निधन के बाद रविवार को लिसाढ़ गांव में तेरहवी एवं शोक सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुताबिक सुबह आठ बजे गठवाला खाप के चौधरी बाबा हरिकिशन मलिक की स्मृति में हवन. यज्ञ कराया गया। दोपहर 12 बजे शोक सभा आयोजित की गई। शोक सभा में हरियाणा गठवाला खाप के बाबा बलजीत सिंह, बालियान खाप के चौधरी और भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत, देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह, बड़ौत लिलौन खाप के चौधरी बाबा संजय कालखंडे, समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खापों के चौधरी हिस्सा लेने पहुंचे।

इस मौके पर खापों के चौधरी गठवाला खाप के चौधरी की कमान बाबा हरिकिशन मलिक के ज्येष्ठ पुत्र राजेंद्र मलिक को पगड़ी बांधकर जिम्मेदारी सौंपी गई। देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि खाप पंचायत व्यवस्था अमूल्य है, बुजुर्गों से मिली है और अब इसे भविष्य की पीढ़ियों को सौंपा जाएगा। युवा सीखें, समझें और पालन करें। आचरण में अपनी परंपराओं को ढालने का काम करें। दुनिया ने खाप पंचायतों पर शोध कर सीखने का काम किया है। बेहतर शिक्षा हासिल करें और अपना और अपने बुजुर्गों का इतिहास पढ़ने का काम करें। गठवाला खाप के लंबे समय से प्रतिनिधि के रूप में काम रहे राजेंद्र मलिक के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला था।