गाजियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ तक 82 किमी लंबे कॉरिडोर में रैपिड रेल के संचालन और रखरखाव का जिम्मा जर्मन कंपनी संभालेगी। शुक्रवार को नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) और जर्मनी की कंपनी डॉयचे बान इंजीनियरिंग एंड कंसल्टेंसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीबी इंडिया) के बीच करार पर हस्ताक्षर हुए। डीबी इंडिया 12 सालों तक रैपिड रेल के संचालन और रखरखाव से जुड़ी हर गतिविधि संभालेगी।
डीबी इंडिया जर्मनी की राष्ट्रीय रेलवे कंपनी डॉयचे बान एजी की सहायक कंपनी है। ऐसे में रैपिड रेल कॉरिडोर में उच्च मानकों के आधार पर सभी गतिविधियों को संचालित जाएगा। डीबी इंडिया को रेल परिचालन के क्षेत्र में लंबा अनुभव हासिल है। एनसीआरटीसी के कदम में रीजनल रेल प्रोजेक्ट में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी सुनिश्चित हो गई है। एनसीआरटीसी ने साफ किया है कि करार को सरकार की मेट्रो रेल नीति-2017 के उद्देश्यों और प्रावधानों का पालन करते हुए किया गया है।
एनसीआरटीसी के एमटी विनय कुमार सिंह ने बताया कि करार से यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत से समझौता किए बगैर लंबे समय तक रेल संचालन के ऊंचे मानकों को प्राप्त किया जा सकेगा। इस पहल से उन्नत तकनीकी के साथ सहयोगी की विशेषज्ञों और अनुभव का उपयोग कर यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने केसाथ-साथ सालों तक प्रबंधकीय क्षमता हासिल होगी। इससे सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय कार्य पद्धतियों और प्रबंधकीय सेवाओं के हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त होगा। ऐसे में रेल क्षेत्र में प्रभावी लागत को कम करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
मार्च 2023 में रैपिड रेल के साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी प्राथमिकता खंड पर रेल दौड़ेगी। पहले खंड मे सिविल संबंधी 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। अगस्त माह में रैपिड के ट्रायल रन की तैयारियां तेजी से जारी हैं। फिर दुहाई से मेरठ दक्षिण तक अक्तूबर 2023 में रैपिड रेल का संचालन होगा। फिर जून 2024 में साहिबाबाद से दिल्ली सराय कालेखां और आखिरी में 2025 में मेरठ के अंदर बाकी खंड पर रैपिड रेल चलेगी।