नई दिल्ली. अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए ये बेहद अच्छी खबर है. इस बार के बजट में सरकार ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ऐलान किया है. इसके तहत अब लोगों का बैटरी चार्ज करने का झंझट खत्म हो जाएगा. दरअसल इस पॉलिसी के जरिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी चेंज करने की छूट दी जाएगी. यानी आपको किसी चार्जिंग स्टेशन पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप चाहें तो चार्ज की हुई बैटरी अपनी गाड़ी में बदल सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना चाहती है.

बता दें कि भारी भरकम कीमत के चलते लोग अभी भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं खरीद पा रहे हैं. इसके अलावा शहरों में कम चार्जिग प्वाइंट होने के चलते लोगों को अलग परेशानियां उठानी पड़ती हैं. लिहाजा लोग चाह कर भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं खरीद पाते हैं. लेकिन अब कहा जा रहा है कि बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से चीज़ें आसान होंगी. आखिर क्या है ये पॉलिसी आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं.

अगर आपके इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी डिस्चार्ज हो गई है तो अब आप इसे बदल सकते हैं. यानी चार्ज की हुई बैटरी से इसे रिप्लेस किया जा सकता है. ऐसे में बैटरी गाड़ी का एक अलग पार्ट हो जाएगा. इससे गाड़ी की कीमत में भी कमी आएगी. साथ ही आपको किसी किसी चार्जिंग स्टेशन पर भी नहीं जाना होगा.

इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले अब बिना बैटरी के गाड़ी खरीद सकते हैं. ऐसे में उनके पास किसी दूसरी कंपनी से बैटरी लीज़ पर लेने की छूट होगी. बैटरी की अदला-बदली की पूरी प्रक्रिया में सिर्फ पांच मिनट लगते हैं. जानकारों के मुताबिक इससे गाड़ी की कीमतों में भारी कमी आएगी.

स्वीडन, नीदरलैंड और नॉर्वे में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक गाड़ियां है. ऐसे में यहां पहले से ही इस पॉलिसी के तहत लोग बैटरी चेंज करवा सकते हैं. इसे बैटरी एज ए सर्विस मॉडल भी कहा जाता है.