मुजफ्फरनगर. कोविड-19 संक्रमण काल के बाद स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत मिली है। खतौली सीएचसी आक्सीजन प्लांट के साथ ट्रामा सेंटर की ओटी को चालू किया गया है। अब स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दिन बहुरेंगे। गालिबपुर गांव की पीएचसी को संवारने के साथ नया भवन बनाकर सीएचसी में बदला जाएगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

गांवों में किराए के भवन में चल रहे उपकेंद्रों के लिए ग्राम पंचायत से भूमि ली जाएगी। आठ करोड़ रुपये का आएगा खर्च पीएचसी का पुराना भवन जर्जर हो चुका है। इसे तोड़कर नया भवन तैयार किया जाएगा। सीएचसी की सभी सुविधाएं लागू करने के लिए कमरों, इमरजेंसी वार्ड के अलावा जच्चा-बच्चा वार्ड स्थापित होगा। गालिबपुर ब्लाक से काफी संख्या में गांव जुड़े हुए हैं। पीएचसी की सुविधा होने के कारण प्रसव पीड़िता, गंभीर रोगियों को खतौली भागना पड़ता है। ऐसे में कई बार रोगी गंभीर स्थिति तक पहुंच जाता है, जिसके चलते स्वास्थ्व विभाग ने गालिबपुर पीएचसी को आठ करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने की योजना बनाई है।

दर्जनों गांवों को मिलेगा लाभ एमओआइसी डा. अवनीश कुमार ने बताया कि पीएचसी के सीएचसी बनने पर गालिबपुर के साथ बिहारीपुर, मोहिउद्दीनपुर, बहापुर, छछरपुर, कैलावड़ा, पमनावली, अंती, गंदनपुरा के साथ आसपास के दर्जनभर गांवों को चिकित्सकीय सुविधा का लाभ मिल सकेगा। इनका कहना है… गालिबपुर पीएचसी के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से बजट मिलने के बाद गालिबपुर में सीएचसी के स्तर का भवन तैयार किया जाएगा। विभागीय स्तर प कार्ययोजना के अनुरूप स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है।