गाजियाबाद. योगी सरकार 2.0 के आम बजट में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर को 1306 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इससे रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य में और तेजी आएगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी 1326 करोड़ रुपए का बजट केंद्र सरकार के इस खास प्रोजेक्ट के लिए मिला था। दिल्ली से मेरठ तक देश की पहली रीजनल रैपिड रेल के लिए 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बन रहा है। इस पर कुल 30274 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। पहले चरण में रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई के बीच साल-2023 में चल जाएगी। जबकि मेरठ से दिल्ली तक पूरा कॉरिडोर साल-2025 तक शुरू करने का टारगेट है।
इस प्रोजेक्ट पर भारत और उत्तर प्रदेश सरकार अब तक 3688 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं। गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के आम बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए 1306 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर यूपी सरकार की मंशा साफ है कि बजट की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।
गाजियाबाद को सेफ सिटी के रूप में चुनकर भूली सरकार
वित्तीय वर्ष 2021-22 में गाजियाबाद को सेफ सिटी के रूप में चुना गया था। इसके लिए कुल 50 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया, जिसमें 40 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी मिली। अफसोस यह है कि अभी तक मात्र 4 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं।
इस वजह से सेफ सिटी के लिए जो काम शुरू होने थे, वे शुरू नहीं हो सके हैं। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के आम बजट में लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज को सेफ सिटी बनाने के लिए बजट रखा गया है लेकिन गाजियाबाद की कोई चर्चा नहीं हुई।