मुजफ्फरनगर। पिछले कुछ दिनों में नए ट्रैक पर बने आठ स्टेशनों से करीब 150 डीपी चोरी हुई। यह डीपी यूरोप से मंगाई जाती हैं। संभावना है कि यूरोप से डीपी आने में 6 नवंबर तक का समय लग सकता है। इसी कारण मालगाड़ियो के संचालन में अड़चने पैदा हो रही हैं। चोरी के कारण, मालगाड़ीयों का 15 दिनों के लिए ठहराव होगा।
डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑप इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों ने डेडिकेटेड रेल काॅरिडोर का मुआयना किया। पिछले कुछ दिनों में नए ट्रैक पर बने आठ स्टेशनों से करीब 150 डीपी चोरी हो गईं। डीपी गायब होने से सिग्नल व्यवस्था बाधित हो रही है। यूरोप से छह नवंबर तक डीपी आने की संभावना है। यही वजह फिलहाल माल गाड़ियों को संचालन में अड़ंगा बनी है।
मंगलवार को अधिकरियों की टीम टॉवर कार से चेकिंग पर निकली टीम ने हर स्टेशन पर रुककर जायजा लिया। हालांकि अभी मालगाड़ी चलाने पर सहमति नहीं बनी, पर नवंबर में कभी भी मालगाड़ी दौड़ना शुरू हो जाएंगी। डीएफसीसीआईएल के अफसर आए दिन डीपी चोरी की वारदात से चिंतित हैं। खुर्जा से खतौली के बीच करीब 150 डीपी चोरी की वारदात महत्वपूर्ण परियोजना के संचालन में बाधक बनी है। एक डीपी की कीमत तीन से चार लाख बताई गई है। एजेंसी यूरोप से इसे मंगाती है। छह नवंबर तक डीपी आने की उम्मीद बताई जा रही है। 10 दिन इसे फिट करने में लगेंगे।
जीआरपी एवं लोकल पुलिस के अलावा सीसीटीवी कैमरों से चोरों की तलाश की जा रही है। डीएफसीसीआईएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक पवन कुमार ने बताया कि पिलखनी से गुलावटी तक नए कॉरिडोर की क्षमता काे परखा गया। मुजफ्फरनगर के चारों स्टेशनों पर सिग्नल एवं विद्युतीकरण की व्यवस्था का अवलोकन किया गया। चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित अफसरों को अवगत कराया जा रहा है। 15 नवबंर के बाद कभी भी माल गाड़ियां दौड़नी शुरू हो जाएंगी। खुर्जा से साहनेवाल तक कॉरिडोर का कार्य पूरा तैयार हो चुका है। कुछ स्टेशनों पर सिग्नल की व्यवस्था को जल्द दुरुस्त कर दिया जाएगा।