शिमला. हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2023 से पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. इसके फायदा राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिल रहा है. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों और कई राज्यों में पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग की जा रही है. जिन राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन को लागू किया गया है, वहां की सरकारों की तरफ से एनपीएस में जमा फंड को केंद्र सरकार से वापस मांगा जा रहा है. लेकिन केंद्र सरकार इस पैसे को वापस करने से साफ इंकार कर रही है.
अब हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू ने नई पेंशन योजना में राज्य सरकार की तरफ से जमा किए गए 9242.60 करोड़ की वापसी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने की बात कही है. यह फैसला नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक के दौरान सुक्खू की अपील के बाद लिया गया. उन्होंने केंद्र से पीएफआरडीए को पैसा वापस करने का निर्देश देने की अपील की. एनपीएस में जमा 9242.60 करोड़ रुपये को प्राप्त करने का संकल्प लिया.
सुक्खू ने यह भी कहा कि यह राज्य का अधिकार है. उन्होंने एनपीएस के पैसे को हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मामले पर चर्चा के लिए दिल्ली की आगामी यात्रा जिक्र किया. उन्होंने कहा, हम एनपीएस में जमा 9242.60 करोड़ रुपये वापस लेने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. पैसा वापस पाना हमारा अधिकार है, हम इसके लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा, मैं वित्त मंत्री से चर्चा के लिए दिल्ली जाऊंगा.
इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि बोर्ड-निगम कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा दिया जाएगा. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि योजना से पहले बाहर किए गए निगमों को उचित समय में शामिल किया जाएगा.