नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रीय विमान कंपनी एयर इंडिया की दो सहायक कंपनी एआईएएसएल और एआईइएसएल के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह सरकार के विनिवेश लक्ष्य के तहत किया जा रहा है।
एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई में बातचीत करते हुए कहा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने निजीकरण के लिए निवेशकों के साथ बैठकें और रोड-शो शुरू कर दिए हैं। हम जल्द हम जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित करेंगे।
एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने के बाद सरकार के पास एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां बची हैं। इसमें एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ,एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का शामिल हैं। टाटा के साथ हुई डील में एयर इंडिया की नॉन- कोर एसेट्स, पेंटिंग एवं कलाकृतियां और नॉन- ऑपरेशनल संपत्तियां शामिल नहीं थीं।
इन सहायक कंपनियों की नॉन-कोर एसेट्स की कुल वैल्यू करीब 15,000 करोड़ रुपये है, जिसे अब एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया है।
सरकार से एयर इंडिया को टाटा समूह ने 18,000 करोड़ रुपये में 27 जनवरी,2022 को खरीद लिया था। इस डील में एयर इंडिया के कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये में से 15,300 करोड़ रुपये टाटा समूह को ट्रांसफर किए गए थे। बाकी का 75 प्रतिशत करीब 46,000 करोड़ रुपये एआईएएचएल को ट्रांसफर किए गए थे।
केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 65,000 करोड़ रुपये के निजीकरण का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार निजीकरण के जरिए 25,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। इसमें एलआईसी आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम भी शामिल है।