मुजफ्फरनगर। मानसून में मच्छरों से बचाव की तैयारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया जिले में संचारी रोगों और मच्छर जनित रोगों से बचाव एवं उपचार की पहले से ही तैयारी की जा रही है।

पिछले वर्षों में चिह्नित उच्च जोखिम वाले गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम निगरानी कर रही है। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचने के सामान्य उपाय बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम बहुत ही आसान है, परंतु इसमें सामुदायिक सहयोग की अत्यंत आवश्यकता होती है।

प्रत्येक परिवार अपने घर और आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें तथा अनावश्यक जलभराव को समाप्त करें तो डेंगू एवं मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का प्रजनन नियंत्रित हो सकता है। डेंगू का मच्छर कंटेनर ब्रीडर है, अत: टूटे-फूटे प्लास्टिक के कप, बोतल, घड़े, कूलर, टायर इत्यादि का नियमित निरीक्षण करना चाहिए तथा इस प्रकार के सॉलिड वेस्ट का ऐसी जगह निस्तारण करना चाहिए। जहां बरसात का पानी न आता हो।

जिला मलेरिया अधिकारी अलका सिंह ने बताया कि मादा एडीज मच्छर के डेंगू वायरस से संक्रमित होने पर उसका अंडा भी संक्रमित होता है, एडीज मच्छर का अंडा लगभग डेढ़ साल तक निष्क्रिय जीवित रह सकता है। अनुकूल परिस्थितियां मिलते ही यह तुरंत यह लारवा में परिवर्तित हो जाता है। कूलर, ड्रम इत्यादि को सप्ताह में एक बार अच्छी प्रकार से रगड़ कर प्लास्टिक या लोहे के ब्रश से साफ कर धूप में सुखाकर इस्तेमाल करें. जिससे सतह पर चिपके हुए मच्छरों के अंडे नष्ट हो जाएं।