नई दिल्ली। हाल के वर्षों में युवाओं में हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव इसके हालिया उदाहरण हैं। हृदय रोगों के मामले कुछ स्थितियों में गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं, जिसको लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित अन्य बीमारियों के बढ़ने के लिए गड़बड़ लाइफस्टाइल और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को प्रमुख कारक के तौर पर देखा जा रहा है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या वयस्कों में तेजी से बढ़ती जा रही है, जो समय के साथ गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

फैटी खादय् पदार्थों के सेवन और धूम्रपान-शराब के कारण लोगों में यह समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। कुछ लोगों में इसका आनुवांशिक खतरा भी हो सकता है, यानि कि यदि आपके माता-पिता को इस तरह की दिक्कत रह चुकी है तो इसका जोखिम आपमें भी हो सकता है, अपने जोखिम कारकों को समझते हुए सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल के बढ़े लेवल को अनुपचारित छोड़ देना कई प्रकार की गंभीर समस्याओं, विशेषकर हृदय रोग और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा सकता है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।

युवाओं में बढ़ती कोलेस्ट्रॉल की समस्या को लेकर साल 2015 में दिल्ली में एक अध्ययन किया गया। इसमें 2,508 प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिनमें से 23 प्रतिशत में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक था। प्रतिभागियों की उम्र 14-18 साल के बीच थी। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि इस आयु के बच्चों में भी एथेरोजेनिक लिपिड प्रोफाइल (जो दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनता है), गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी और हाई बीएमआई की समस्या देखी गई। यह सभी स्थितियां हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा देती हैं।

बच्चों और वयस्कों में बढ़ रही कोलेस्ट्रॉल की समस्या को स्वास्थ्य विशेषज्ञ काफी गंभीर मान रहे हैं। शहरी और ग्रामीण दोनों ही आबादियों में इस तरह के मामले देखे जा रहे हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ अभिनव श्रीवास्तव कहते हैं, हाई कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, बच्चों में इसका खतरा और भी हानिकारक हो सकता है।

बच्चों में समय के साथ कम होती शारीरिक गतिविधि और जंक फूड्स का बढ़ता सेवन इसके लिए प्रमुख कारण माना जा सकता है। 20 साल से कम आयु वालों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या उनमें अगले एक-दो दशक में हृदय रोग विकसित होने के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा देती है।

डॉ अभिनव कहते हैं, कुछ दशकों पहले तक हृदय रोग की समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कत के तौर पर देखा जाता था, हालांकि अब जिस तरह से बच्चे और वयस्कों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं, वह डराने वाले हैं। अगर यही गति जारी रही तो आने वाले दशकों में देश में हृदय रोगों के मरीजों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ा सकता है।

सभी माता-पिता को इसके लिए बच्चों की जीवनशैली को ठीक रखना हर हाल में सुनिश्चित करना चाहिए। देर से भोजन, देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना और शारीरिक गतिविधियों में कमी इस तरह के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है।