नई दिल्ली। धूम्रपान न केवल हर साल फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है बल्कि यह मुंह और गले के कैंसर सहित 14 अन्य प्रकार के कैंसर से भी जुड़ा है.नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले 10 में से नौ लोग 25 वर्ष की आयु से पहले धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं. अगर कैंसर से बचना है तो धूम्रपान न करें या आप करते हैं तो छोड़ दें.
HVP दुनिया में सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है. यह कई प्रकार के कैंसर का कारण भी बन सकता है – जिसमें गर्भाशय ग्रीवा, लिंग, मुंह और गले का कैंसर भी शामिल है.एचपीवी से जुड़ा कैंसर विशेष रूप से युवा लोगों में आम है. अकेले ब्रिटेन में, सर्विकल कैंसर की पहचान सबसे अधिक 30-34 आयु वर्ग की महिलाओं में की जाती है.
अधिक वजन या मोटापे को आंत्र, स्तन, गर्भाशय और अग्न्याशय सहित 13 विभिन्न कैंसर के बढ़ते जोखिम का कारण माना गया है. अतिरिक्त वसा शरीर में सूजन पैदा करता है, जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देता है तथा कैंसर कोशिकाओं को विभाजित करने में मदद करता है. वसा कोशिकाएं हार्मोन एस्ट्रोजन का भी उत्पादन करती हैं, जो स्तन और गर्भ में ट्यूमर को बढ़ा सकती हैं. यहीं वजह है कि महिलाओं में कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. फाइबर और विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों से युक्त स्वस्थ, संतुलित आहार खाने से वास्तव में कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है.
शराब जिगर, स्तन और ग्रासनली सहित कई तरह के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने के लिए जानी जाती है. हालांकि स्थिति ऐसी है कि आप जितना अधिक पीतें हैं, उतना ही अधिक जोखिम होता है. आपके पीने की मात्रा को कम करना या इसे पूरी तरह से छोड़ देना,आपके कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करेगा.
त्वचा कैंसर 40 वर्ष से कम उम्र में पता लगाये जाने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है. पिछले कुछ दशकों इसके मामले में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. त्वचा कैंसर का प्राथमिक कारण पराबैंगनी विकिरण है जो सूरज से निकलती है या टैनिंग बेड से. सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी विकिरण से त्वचा कैंसर की संभावना अधिक होती है. आप जब भी बाहर निकले तो धुप से सुरक्षा जैसे कि टोपी पहनना, कपड़ों से ढंकना आदि से कैंसर से खुद की रक्षा कर सकते हैं. सनस्क्रीन भी त्वचा कैंसर से सुरक्षा में प्रभावी है.