बागपत। बागपत जिले के सरूरपुर कलां गांव में होली पर्व अलग ढंग से मनाया जाता है। जहां होली के हुड़दंग में युवा बुग्गी, बाइकों को छतों पर चढ़ा देते हैं और रंगों के साथ गोबर व कीचड़ से भी होली खेलने से परहेज नहीं करते। इसके अलावा महिलाएं होली के लोकगीत भी गाती हैं।
होली पर्व मनाने का सभी का अलग अंदाज है, जिसमें जिले का सरूरपुर कलां गांव में होली का हुड़दंग देखने को मिलता है। युवा कई दिन पहले ही होली रंग में रंग जाते हैं और रात में टोली बनाकर हुड़दंग मचाने से बाज नहीं आते। युवाओं की टोली गांव में खड़ी बुग्गी, बाइक, साइकिल समेत अन्य वाहनों को उठाकर ले जाते हैं और पंचायतघर, छतों पर चढ़ाने के साथ-साथ तालाब में डाल देते हैं। हालांकि होली के इस अनोखे हुड़दंग से कुछ लोगों को परेशानी होती है, लेकिन होली पर्व को कारण कोई गिला-शिकवा नहीं रहता।
बागपत जिले में होली पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है, जो कई दिन तक मनाया जाता है। सरूरपुर कलां गांव के ग्रामीण सुभाष नैन ने बताया कि होली पर्व के आसपास जो भी मेहमान घर आता है, उन्हें होली खेलने के बाद ही विदाई दी जाती है।
अभी होली पर्व में कई दिन बाकी हैं, लेकिन सरूरपुर कलां गांव में होली का हुड़दंग शुरू हो गया है। जिसके चलते युवाओं की टोली ने तीन दिन पहले रात में एक किसान की बुग्गी उठाकर तालाब में डाल दी। हालांकि बाद में बुग्गी निकलवाने में सहयोग भी किया।
होली पर्व पर सभी लोग एक दूसरे के गले लगते है। ऐसे में कुछ हरकतें ऐसी हो जाती हैं, जो लोगों को अच्छी नहीं लगती, लेकिन होली पर्व पर कोई गिला-शिकवा नहीं माना जाता। युवाओं की टोली गलियों में बुरा न मानो होली है का स्टीकर लगाते हुए घूमती रहती है। – सतबीर सिंह मैनेजर।
होली पर्व पर आपसी भेदभाव भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिला जाता है। जिसमें कुछ लोग होली पर्व मनाने से दूरी बनाते हैं। ऐसे में भाईचारे के साथ होली पर्व मनाया जाए।
होली पर्व प्राकृतिक रंगों खेलनी चाहिए। होली पर ऐसा कार्य न करें, जो दूसरे व्यक्ति को बुरा लगे या फिर शांतिभंग की संभावना बने। होली पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अलर्ट रहेगी और हुड़दंग मचाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।