मेरठ| मेरठ से पांच साल पहले लापता हुए होटल कारोबारी ताराचंद पुरी और उनके इकलौते बेटे हिमांशु पुरी ने सुसाइड नहीं किया था। मेरठ के गढ़ रोड पर होटल हारमनी इन के करोड़ों के सरकारी कर्ज में डूबने के चलते कारोबारी परिवार शास्त्री नगर में अपनी कोठी के बाहर दोनों लग्जरी गाड़ी छोड़कर लापता हो गया था। जिसमें सुसाइड नोट पुलिस को मिला था। बाद में होटल हारमनी इन को खंदक बाजार के कपड़ा कारोबारी नवीन अरोड़ा ने अन्य की पार्टनरशिप में उसे खरीदा। फिलहाल ताराचंद पुरी और हिमांशु पुरी परिवार के साथ जबलपुर में रहकर दवाइयों का बिजनेस कर रहे हैं, और यह भी बताया गया है कि यहां से पैसे में डूबे नहीं थे, बल्कि चारों तरफ से पैसा उधार का अपने साथ लेकर और परिवार के साथ जबलपुर में शिफ्ट हो गए।

होटल हारमनी के पुराने मालिक ने नवीन अरोड़ा और उनके हिस्सेदारों पर आरोप लगाकर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई जांच नहीं बैठाई गई है। ताराचंद पुरी का आरोप है कि छह मार्च 2018 को जब वह उज्जैन जाने के लिए अपने घर से निकलकर दिल्ली पहुंचे तो इसी दौरान नवीन अरोड़ा, प्रवीण अरोड़ा, अमित चांदना, परिवंदर त्यागी उर्फ बिल्लू, शिखर पाराशर, आदिल, प्रवीण सरीन, रमेश अरोड़ा, रजत अरोड़ा ने मिलकर वकील के माध्यम से दस्तावेज तैयार कराकर उनके होटल और शास्त्रीनगर एच. ब्लाक के मकान पर कब्जा कर लिया। लाइसेंसी हथियारों को भी कब्जाने का आरोप नवीन अरोड़ा और उनके साथियों पर लगाया है।

वहीं, दूसरी ओर होटल मालिक ने भी अपना पक्ष रखा है। नवीन अरोड़ा का कहना है कि मैंने नियम अनुसार ताराचंद पुरी से होटल लिया है। मुझ पर और मेरे साथियों पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। हिमांशु और ताराचंद की करोड़ों रुपये की देनदारी बैंक पर थी। मैंने साढ़े 22 करोड़ रुपये रिलांयस को दिए। इसके बाद जो बाकी रुपये थे, वह ताराचंद पुरी को दिए। इसके बाद हमें होटल मिला है। ताराचंद पुरी मेरठ में खुद रजिस्ट्री कराने के लिए आए थे। अब वह गलत आरोप लगा रहे है। आज भी उनकी कई लोगों पर देनदारी है। दिल्ली समेत कई जगह की पुलिस उनकी तलाश में हमारे होटल में आती रहती हैं। सभी लेन-देन चेक से हुए है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि इस संबंध में हमें कोई प्रार्थना पत्र नहीं मिला है। अभी कोई जांच नहीं की जा रही है।