नई दिल्ली। नई दिल्ली, टेक डेस्क। आने वाले दिनों में नॉर्मल फिजिकल सिम बंद हो जाएंगे। फिजिकल सिम की जगह जल्द ई-सिम ले लेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों ई सिम की जरूरत पड़ रही है। जबकि सारे काम फिजिकल सिम से हो रहे हैं। साथ ही ई-सिम और फिजिकल सिम में क्या अंतर है। आइए इन सारे सवालों के जवाब ढूढ़ने की कोशिश करते हैं…
आमतौर पर सिम एक छोटा प्लास्टिक कार्ड होता है, जो कुछ मेटल पार्टिकल से मिलकर बना होता है। इसमे सब्सक्राइबर्स की जानकारी होती है। मोबाइल सिम कार्ड में मोबाइल नंबर होता है, जिससे आप कॉल कर पाते हैं। साथ ही फोन पर कॉल रिसीव करने से लेकर टेक्स्ट और डेटा एक्सेस कर पाते हैं। सिम कार्ड में कॉन्टैक्ट, फोन नंबर स्टोर होता है। जिसे आसानी से सिम को एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर कर पाते हैं।
ई-सिम आपके फोन में मौजूद एक छोटी चिप होती है, जिसे फोन से हटाया नहीं जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही ई-सिम प्लास्टिक सिम की जगह ले लेगा। ई-सिम की मदद से एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है। इसमें सिम कार्ड को हटाना नहीं पड़ता है और ना ही नया सिम लगाना होता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि 5 वर्चु्अल सिम को एक ई-सिम में स्टोर किया जा सकता है। मतलब एक सिंगल ई-सिम में 5 नेटवर्क इस्तेमाल कर पाएंगे। साथ ही आसनी से एक सिम से दूसरे सिम में ट्रांसफर कर पाएंगे। इसमें ट्रैवलिंग के दौरान लोकल नेटवर्क पर शिफ्ट कर पाएंगे। ई-सिम की वजह से फोन में एक्स्ट्रा स्पेस की जरूरत नहीं होती है। इससे स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्स फोन के स्लिम और लाइटवेट बना सकते हैं।
फोन में ई-सिम का इस्तेमाल करने के लिए आपको Settings में जाकर मोबाइल प्लान जोड़ना होता है।
इसके बाद आपकी ईमेल आईडी पर भेजे गए QR code को स्कैन करके आप सिम इस्तेमाल कर पाते हैं
आप एक फोन में मल्टिपल ई-सिम मोबाइल प्लान तक जोड़ सकते हैं।