मुजफ्फरनगर। तीन माह की मशक्कत के बाद भी शहर में ई-रिक्शा का रूट तय नहीं हो पाया। व्यापारियों एवं यातायात पुलिस अधिकारियों में ई-रिक्शा के संचालन को लेकर कई बार हो बैठक भी हुई। कुछ रिक्शा को कलर के माध्यम से विभिन्न मार्गो पर चलाने के लिए सहमति बनी थी। बावजूद इसके धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ई-रिक्शा चालक वाहनों को कहीं पर भी खड़े कर रहे है।

कई माह पहले यह बनाया था प्लान
– सुजडू चुंगी से मेरठ रोड मीनाक्षी चौक।
– अलमासपुर से जानसठ बस अड्डा।
– महावीर चौक से एसडी तिराहे।
– रेलवे स्टेशन से वापस एसडी तिराहा।
– महावीर चौक से अलमासपुर।
– विश्वकर्मा चौक से वाया रेलवे रोड एसडी तिराहे तक।
– गोल्डन पब्लिक स्कूल गांधी कॉलोनी से बचन सिंह चौक और हनुमान चौक तक।
– मदनी चौक से वाया अहिल्याबाई चौक अंसारी रोड।
– रुड़की चुंगी से रेलवे स्टेशन।
– काली नदी से मीनाक्षी चौक।
– महावीर चौक और एसडी तिराहे तक।

व्यापारियों ने दिए थे ये सुझाव
जो रास्ते शहर के मुख्य बाजारों से मिले है, जैसे-विकास भवन से सहारनपुर बस अडडे तक ई-रिक्शा को ए,बी,सी,डी प्रणाली से चलाया जाए। रोडवेज अडडे से भगत सिंह रोड से शामली अडडे तक सी-डी प्रणाली बनाए। बुजुर्ग, महिला, बच्चों को सुविधा मिलेगी। आवश्कता के अनुसार ई-रिक्शाओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है।-राहुल वर्मा, संयोजक, संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल।

ई-रिक्शाओं के रुट निर्धारित किए जाए। रिक्शाओं को अलग अलग पहचान के लिए रंग दिए जाए। इनके भी रुट बनाए जाए, ताकि जाम न लग सकें। रजिस्टर्ड रिक्शाओं को ही चलने की अनुमति दी जाए। -कृष्ण गोपाल मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष, उप्र उद्योग व्यापार संगठन।

गलियों से गुजर रही रिक्शाएं
यातायात पुलिस ने शहर के शिव चौक पर ई-रिक्शाओं के संचालन को प्रतिबंधित किया है। जिस कारण चालक इन क्षेत्र में यात्रियों को पहुंचाने के लिए गलियों से पहुंच रहे है, इससे गलियों में जाम के हालात बन रहे है।

हमने ई-रिक्शा मालिकों से अपील की थी कि जिन्हें अपनी रिक्शा कलर कराकर विभिन्न मार्ग पर चलानी है, वह यातायात पुलिस कार्यालय में पेपर लेकर संपर्क करें, लेकिन किसी ने संपर्क नहीं किया, जिस कारण व्यवस्था नहीं बन पा रही।