मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर किडनी खराब होने के मामले पिछले सालों में तेजी से बढ़ रहे हैं। शहर के लद्दावाला निवासी महिला ने अपने देवर को किडनी देकर जान बचाई। डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाज के अन्य लोगों ने महिला के हौसले की प्रशंसा की।
मैक्स हॉस्टिपल के डॉ. मनोज सिंघल ने बताया कि मुजफ्फरनगर के लद्दावाला निवासी मुर्तजा (26) की किडनी खराब हो गई थी। युवक की हालत बिगड़ती गई, ऐसे में उसकी भाभी परवीन ने किडनी डोनेट कर सराहनीय कार्य किया है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान किडनी रोगों (सीकेडी) के कारण किडनी खराब होने के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए किडनी संबंधी बीमारियों की सही समय पर पहचान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के क्षेत्र में हुई तरक्की के बारे में बताने के लिए मैक्स हॉस्पिटल वैशाली ने शुक्रवार को इस प्रकरण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी कर उसकी जिंदगी बचाई गई है।
मुर्तजा को पिछले साल किडनी खराब होने के आखिरी चरण में पहुंच जाने का पता चला और उसे डायलिसिस पर रखा जाने लगा। डायलिसिस कराते रहने के बावजूद लगातार कमजोरी, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर और हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन होने के कारण उसे किडनी ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत थी।
मैक्स हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी तथा किडनी ट्रांसप्लांटेशन के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनोज के. सिंघल ने बताया कि इस बीमारी में ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण जल्दी नजर नहीं आते हैं और आखिरी चरण में ही इसका पता चल पाता है। ऐसे में हर साल जांच कराते रहना जरूरी है। जब किडनी का काम 10 फीसदी से नीचे तक पहुंच जाता है, तो मरीज को आजीवन डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ जाती है।