नई दिल्ली। दिल का दौरा पड़ने पर कोई भी लाचार और बेबस महसूस कर सकता है। हालांकि, अगर आप या फिर आपके आसपास मौजूद लोगों को पहले से फर्स्ट एड के बारे में पता हो, तो वे किसी की जान बचा सकते हैं। दिल तक अगर पर्याप्त खून न पहुंचे, तो अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है। अगर उसी वक्त तुरंत एक्शन लिया जाए, तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है। आइए जानें कि दिल का दौरा पड़ने पर किसी की जान कैसे बचाई जा सकती है?

दिल के दौरे के लक्षणों को आप जितनी जल्दी पहचानेंगे, उतना ही आपके बचने की उम्मीदें बढ़ेंगी। सीने में दर्द, बेचैनी, सीने में दबाव महसूस करने के अलावा पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण अगल दिख सकते हैं। साथ ही जो लोग डायबिटीज़ जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उनमें भी इसके संकेत कुछ अलग हो सकते हैं। इसमें पाचन में दिक्कत, मतली, भयानक कमज़ोरी, सांस लेने में दिक्कत या फिर बीमारी महसूस करना शामिल है।

डॉक्टर्स यही सलाह देते हैं, कि आप ऊपर बताए गए लक्षणों को महसूस करते हैं, तो भले ही आप सुनिश्चित न हों कि यह दिल का दौरा है या नहीं, फिर भी आपको तुरंत एक ऐम्बुलेंस को कॉल करना चाहिए। कई सारे मरीज़ इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करते हैं और जब तक वे अस्पताल पहुंचते हैं, तब तक उनकी दिल की मांसपेशियां मर चुकी होती हैं। आपके दिल के दौरे का अनुभव करने और डॉक्टर्स का ब्लॉक्ड आर्टरी को खोलने के बीच गहरा संबंध होता है, यह जितना जल्दी होगा, इसका नतीजा उतना ही बेहतर निकलेगा।

अगर आप हार्ट अटैक के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो ऐम्बुलेंस को बुलाने के बाद अगर आपके पास एस्पिरिन है, तो 325 एमजी की एक डोज़ खा लें। अगर आपके पास 81 एमजी की टैब्लेट्स हैं, तो चार खा लें। एस्पिरिन लेने से आपकी धमनियों के अंदर बनने वाले रक्त के थक्के को तोड़ने में मदद मिल सकती है, जो दिल के दौरे के दौरान धमनी में रक्त के प्रवाह को रोकता है। डॉक्टर भी इसे निगलने के बजाय चबाने की सलाह देते हैं, ताकि यह आपके सिस्टम में तेज़ी से प्रवेश कर सके।

mअगर आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो खुद को अस्पताल ले जाने के बजाय तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें। आप होश खो सकते हैं और सड़क पर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, इसलिए बेहतर है कि खुद गाड़ी न चलाएं। वहीं, अगर आपके घर या दोस्त को दिल का दौरा पड़ता है, तब भी ऐम्बुलेंस बुलाएं, ताकि अगर लक्षण बिगड़ें तो आप मरीज़ की मदद कर सकें। एम्बुलेंस इस स्थिति में वैसे भी ज़्यादा सहायक साबित होती है, क्योंकि इसमें पैरामेडिक्स मौजूद होते हैं, जो अस्पताल के रास्ते में उपचार के साथ तेज़ी से मदद भी कर सकते हैं।

अगर व्यक्ति जिसे दिल का दौरा पड़ रहा है, सांस नहीं ले रहा या आप उसकी पल्स नहीं ढूंढ़ पा रहे, तो CPR शुरू कर दें, ताकि रक्त का संचार जारी रहे। लेकिन पहले आपातकालीन चिकित्सा सहायता या ऐम्बुलेंस बुलाएं, उसके बाद CPR शुरू करें।