मुजफ्फरनगर। ग्राम पावटी में मुनादी प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहा है। दलित समाज के खिलाफ मुनादी कराने वाले कुख्यात रहे विक्की त्यागी के पिता राजबीर समेत दो लोगों को जेल भेजा गया था। अब एससी वर्ग के एक नेता द्वारा सोशल मीडिया पर त्यागी बिरादरी के लोगों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने पर नाराज त्यागी सामाज ने पावटी गांव में शनिवार को पंचायत करने का निर्णय लिया था। प्रशासन ने इस पंचायत को बिना अनुमति के कारण प्रतिबंधित करते हुए गांव के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया था। शनिवार को त्यागी समाज के लोगों ने आखलौर गांव में पहुंचकर प्रशासन को ज्ञापन दिया। इस दौरान कुछ युवकों द्वारा नारेबाजी किए जाने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
मुनादी प्रकरण के चलते पिछले दो दिनों से एसडीएम और सीओ यहां बैठक कर रहे थे। शनिवार को त्यागी समाज के लोगों ने बिरादरी के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में नाराज होकर पंचायत करने का निर्णय लिया था। हालांकि पंचायत को एसएसपी द्वारा त्यागी समाज के लोगों से वार्ता कर रद्द करा दिया था। फिर भी एसडीएम सदर परमानन्द झा, सीओ सदर हेमंत कुमार, कोतवाली प्रभारी आनन्द देव मिश्रा, थाना प्रभारी यशपाल सिंह, पुरकाजी पुलिस व पीएसी के साथ पावटी गांव में डेरा डाले हुए थे। दूसरी ओर थाना कोतवाली के गांव आखलौर में गाजियाबाद, बुलन्दशहर, नोएडा, सहारनपुर से आये त्यागी समाज के लोगों के एकत्रित होकर पंचायत करने की सूचना पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।
इंटरनेट मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई न किये जाने से नाराज लोगों ने विक्की जिंदाबाद व पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाये और मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा। ज्ञापन में इंटरनेट मीडिया पर त्यागी समाज के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया है। एसडीएम परमानंद झा ने बताया कि दो लोगो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सीओ सदर हेमन्त कुमार का कहना है कि कुछ लोगों को इसलिए थाने में कुछ समय के लिए बैठाया गया है, जिससे शांति व्यवस्था न बिगड़े।
मुनादी प्रकरण के आरोप में गिरफ्तार राजबीर सिंह की पत्नी सुप्रभा का कहना है कि उसके पति को साजिश के तहत फंसाया गया है। उसके बीमार पति के विरुद्ध एकदम कार्रवाई की गई, जबकि उसके परिवार पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोपियों व भीम आर्मी के नेताओं के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।