
यूपी। फर्रुखाबाद जिले में दहेज हत्या में पति व ससुर को कोर्ट ने सात वर्ष की सजा सुनाई। दोनों दोषियों को दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी जमा करने के आदेश दिए है। नवाबगंज क्षेत्र के गांव फतनपुर निवासी सुशील चंद्र ने पुत्री शिल्पी की शादी मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के जसमई निवासी प्रशांत उर्फ शीलू के साथ की थी। शादी में सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था।
शादी के कुछ माह बाद ही ससुराल वाले दहेज में एक लाख रुपये की मांग कर शिल्पी के साथ मारपीट करने लगे। जानकारी होने पर ससुराल जाकर समझौता करने का प्रयास किया। कुछ दिन के बाद स्थित पहले जैसी ही हो गई। 23 मार्च 2011 को शिल्पी ने फोन करके बताया कि एक लाख रुपये नहीं मिलने पर ससुरालीजन उसकी हत्या कर देगें। सुशील ने पुत्री की बात सुनकर पत्नी ऊषा को बेटी के पास भेज दिया। दो दिन के अंदर एक लाख रुपये का इंतजाम करने का भरोसा दिया।
24 मार्च 2011 को सूचना मिली पति प्रशांत उर्फ शीलू व ससुर अवधेश ने पुत्री शिल्पी व पत्नी ऊषा की हत्या कर दी। मौके पर पहुंचने पर दोनों के शव मिले। सुशील चंद्र ने पति प्रशांत उर्फ शीलू व ससुर अवधेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचक ने दहेज हत्या में दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी महेंद्र सिंह की कोर्ट ने सोमवार को गवाह व साक्ष्य के आधार पर पति प्रशांत व ससुर अवधेश को दोषी करार किया था। मंगलवार को कोर्ट ने पति प्रशांत उर्फ शीलू व ससुर अवधेश को सात वर्ष की सजा सुनाई। दोनों दोषियों को दस-दस हजार रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश दिए। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भोगने के आदेश दिए है।
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