रांची। कुछ दिन पहले रांची जिले के अरगोड़ा क्षेत्र निवासी पूर्व आइएएस महेश्वर पात्रा के घर से एक आदिवासी युवती बरादम की गई थी। इस युवती की हालत बेहद खराब है। वह खुद अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रही है। उसकी दर्दनाक कहानी सुनकर आपका खून खौल उठेगा। यह महिला इस समय अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। वह पहले पूर्व आइएएस के घर काम करती थी। आइएएस की पत्नी उसके साथ जानवरों से भी बदत्तर व्यवहार किया करती थी।
इस पूर्व आइएएस का नाम है- महेश्वर पात्रा। पीड़ित युवती के अनुसार पूर्व आइएएस की पत्नी सीमा देवी लोहे की रॉड से उसकी पिटाई करती थी। अगर वह घर के कमरे में शौच के लिए चली जाती तो उससे मुंह से शौच साफ कराया जाता था। पीड़िता के शरीर पर कई जख्म के निशान उसपर हुए अत्याचार की कहानी बयां कर रहे हैं। उसके कई दांत पिटाई के कारण टूट गए हैं। रांची पुलिस को इस बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने उसको बचाया। पुलिस ने उसको अपनी सुरक्षा में रखा है।
रांची पुलिस के अनुसार उसकी सुरक्षा में महिला पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है। पीड़िता को रेस्क्यू करने के बाद रांची रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता की मेडिकल जांच हो गई है। डाक्टरों के अनुसार वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसकी हालत बहुत खराब है। पीड़िता की मानें तो पूर्व आइएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा जब उसकी पिटाई करती थी तो उसका बेटा उसे बचाया करता था। सीमा देवी का एक बेटा है। पुलिस का कहना है कि हर बिन्दु पर जांच की जा रही है। दोषी कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
रांची पुलिस का कहना है कि पीड़िता कोर्ट जाने की स्थिति में नहीं है। पुलिस कोर्ट में आवेदन करेगी कि पीड़िता का रांची रिम्स में ही बयान ले लिया जाए, ताकि इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई कर सके। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद पुलिस पीड़िता का बयान दर्ज कराएगी। अरगोड़ा थाना प्रभारी का कहना है कि पीड़िता का बेहतर इलाज कराया जा रहा है। लेकिन पीड़िता इतनी कमजोर हो गई है कि उसे ठीक होने में अभी वक्त लगेगा। पुलिस इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है।
रांची पुलिस के अनुसार, पूर्व आइएएस महेश्वर पात्रा के घर काम पर रखी युवती पर अत्याचार व मानसिक प्रताड़ना के भी साक्ष्य मिले हैं। पीड़िता को गर्म चीमटे और छोलनी से दागा जाता था। जिस्म पर निशान पाए गए हैं। पीड़िता को बात-बात पर डंडे से मारना रोज की आदत बन गई थी। रांची रिम्स के सर्जरी वार्ड में डा शीतल मलुआ और डा संदीप अग्रवाल की निगरानी में इलाज चल रहा है। मेडिकल रिपोर्ट में जो बातें सामने आयी हैं वह रोंगटे खड़ी करने वाली है। बताया गया है कि पीड़िता के शरीर में दर्जनों चोट के निशान हैं। सबसे अधिक गर्म लोहे से दागने के निशान हैं। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि उसके साथ कभी-कभी जबरदस्ती करने की कोशिश की जाती थी। हालांकि, इसकी जांच गायनी विभाग के डाक्टरों ने जब की तो इसकी पुष्टि नहीं हो पायी। डाक्टरों ने बताया कि अगर यौन शोषण की बात पहले की है तो यह अभी पता कर पाना मुश्किल होगा।
पीड़िता की जांच में रांची रिम्स के चार विभाग जुटे हुए हैं। इसमें सर्जरी, मनोचिकित्सा, फारेंसिक मेडिसिन के डाक्टर शामिल हैं। डा शीतल मलुआ ने बताया कि फारेंसिक मेडिसिन की टीम की मदद लेने के पीछे यह उद्देश्य है कि जो भी चोट के निशान है उससे यह जानना है कि यह कितना पुराना है। पीड़िता ने बताया है कि उसे दो वर्षों तक बंद कर के भी रखा गया था, जिस वजह से वो काफी मानसिक रूप से प्रताड़ित हुई है, जिसकी भी जांच चल रही है। फिलहाल पीड़िता पुलिस सुरक्षा के बीच रिम्स सर्जरी वार्ड में भर्ती हैं। यहां भी इसकी हालत अच्छी नहीं दिख रही। बीच-बीच में उठ जाना और नींद में बुदबुदाना जैसे हरकत कर रही है। जिसके बाद डाक्टरों की परेशानी बढ़ सी गई है।