बागपत. कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वावधान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन शुगर केन परियोजना के अंतर्गत गन्ना उत्पादन पर तीन दिवसीय गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया गन्ने की उन्नत प्रजाति तैयार करने के लिए जनपद बागपत का चयन किया गया है। अब केन्द्र पर ही गन्ने की नवीनतम किस्मों की नर्सरी तैयार की जाएगी। इसका जनपद के गन्ना किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
केन्द्र प्रभारी डॉ. संदीप चौधरी ने किसानों को गन्ने की बेहतर फसल उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। डा. रविंद्र कुमार ने मृदा परीक्षण पर बल दिया। वरिष्ठ शोधकर्ता देवकुमार ने जैविक कीट नियंत्रण में ट्राईकार्ड के प्रयोग के बारे मं जानकारी दी। डा. भूपेंद्र कुमार ने बेहतर फसल के लिए सही गन्ना बीज के चुनने की जानकारी दी। कहा कि बीज करीब 10 माह की खड़ी फसल का ही लेना चाहिए। कहा कि गन्ने की बुवाई के समय तैयार खेत में 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट तथा 20 किलोग्राम फेरस सल्फेट का प्रयोग अवश्य करें। बुवाई करते समय लाल सड़न रोग से बचाने के लिए गन्ने के बीज में कवकनाशी से उपचार करके ही बुआई करें। किसानों ने गन्ना उत्पादन में अपने अनुभवों को भी साझा किया। इस दौरान जयबीर सिंह, ओमप्रकाश, सुधीर कुमार, ओमपाल सिंह, जितेंद्र, जयकुमार, लोकेन्द्र सिंह, शुभम डागर, जितेंद्र, मांगेराम, सुरेंद्र कुमार, रविंद्र, अशोक आदि किसान मौजूद रहे।