नई दिल्ली. महिलाओं की माहवारी में काम आने वाले मेन्स्ट्रुअल कप का प्रोटोटाइप पहली बार 1930 में सामने आया. इसके पेटेंट का पहला आवेदन 1937 में अमेरिकी अभिनेत्री लियोना चामर्स ने किया था. यह कप काफी लचीले उत्पादों से बना होता है, जिससे महिलाओं के जननांग के भीतर लगाने से कोई तकलीफ़ पैदा नहीं होती।

सिलिकॉन, रबर या लेटेक्स से बने इस छोटे कप के आकार का ये मेन्स्ट्रुअल कप महिलाओं की ज़िंदगी में धीरे-धीरे अब सैनिटरी पैड की जगह लेने लगा है. इसका एक कारण ये भी है कि सैनिटरी पैड को केवल महिलाएँ एक ही बार उपयोग में ला सकती है, जबकि मेंस्ट्रुअल कप ज़्यादा आरामदायक और टिकाऊ होता है.

यह कप कई साइज़ों में स्टोर पर उपलब्ध हैं. इसकी लंबाई 4 से 6 सेमी के बीच होती है. वहीं टॉप पर इसका व्यास 3 से 5 सेमी के बीच होता है. इसमें बड़े आकार का कप भी उपलब्ध है, जिसकी ज़रूरत उन महिलाओं को होती है, जिन्हें मेन्स्ट्रुअल दिनों में ज़्यादा उत्सर्जन होता है. स्वच्छता और सुरक्षित उपयोग के मामलों में डॉक्टरों की बात मानते हुए यह उत्पाद पूरी तरह सुरक्षित है और यह 10 साल तक चल सकता है.

मेंस्ट्रूअल कप को योनि में कैसे लगाना चाहिए
महिलाओं को विशेष जननांग में लगाने से पहले दो या तीन हिस्सों में मोड़ लेना चाहिए जिससे यह योनि में डाला जा सके और यह आरामदायक मालूम पड़े।

मेंस्ट्रूअल कप को कैसे साफ करें
कब का उपयोग करने से पहले उसको गर्म पानी में या माइक्रोवेव में 5 मिनट तक हुवा लेना चाहिए जिससे यह सुरक्षित हो जाए। माहवारी के समय जब इसका बार-बार उपयोग किया जाता है तो उसे पानी है साबुन से अच्छे से साफ कर देना चाहिए और जो माहवारी खत्म हो जाए तो उसको फिर से पानी में उबाल लेना चाहिए।

पूरी तरह से माहवारी बंद हो जाने के बाद उसका उपयोग में होने पर इसे किसी कपड़े या प्लास्टिक बैग में बंद करके रख देना चाहिए और जो कुंवारी का समय हो तो इस्तेमाल करने से पहले फिर से गर्म पानी में उबाल लेना चाहिए।

क्या इससे स्वास्थ्य को खतरा है?
किसे सैनिटाइज और सफाई करने के बाद मैंने स्कूल कब का उपयोग बहुत सुरक्षित माना जाता है अगर इसको ठीक से सांस ना किया गया तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है

मेंस्ट्रूअल कप के क्या फायदे हैं?
ऐसा माना जाता है कि हर महिला को पूरी जिंदगी में औसतन 450 बार मतलब यह हुआ कि एक महिला को अपनी जिंदगी में तकरीबन 500 सेनेटरी पैड का उपयोग करना पड़ता होगा जबकि मैंने उसको कब की एक बड़ी खासियत यह है कि यह कब 3 से 10 साल तक चल सकता है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार इसका एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि हर महिला इसका को उपयोग करने में सक्षम नहीं हो पाती है तो यह जरूरी नहीं कि उन्हें परेशानियां ना झेलने पड़े उनको दिक्कतें आ सकती हैं।