मुजफ्फरनगर। धनगर समाज का केंद्र के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र नहीं बनाए जाने से आहत लोगों ने प्रदेश के प्रमाणपत्र को भी निरस्त कराना शुरू कर दिया है। धनगर समाज के लोगों का कहना है कि केंद्र में लाभ नहीं मिलने के कारण यह कदम उठाना पड़ा। एससी का आरक्षण निरस्त कराने के बाद अब वह ओबीसी का प्रमाण पत्र बनवाएंगे। जिला स्तरीय समिति के सामने मामले पहुंचे, अब तक ऐसे 92 आवेदन निरस्त कर चुकी है।
जिन लोगों के प्रमाणपत्र निरस्त हुए इन लोगों ने शपथ पत्र के साथ तहसीलदार सदर के यहां आवेदन किया था। इनमें अधिकतम वह लोग हैं, जिनके केंद्र के एससी के प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे थे। ऐसे में इन लोगों को केंद्र में न तो ओबीसी का लाभ मिल पा रहा था और न ही अनुसूचित जाति का। इस कारण अपने जाति प्रमाणपत्र निरस्त कराकर ओबीसी के जाति प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं।
समिति के सचिव जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत मलिक ने बताया कि समिति ने अपनी तरफ से किसी का प्रमाणपत्र निरस्त नहीं किया। जिन लोगों ने शपथ पत्र के साथ जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के लिए आवेदन किया उन्हीं के प्रमाणपत्र निरस्त किए गए हैं।
आदित्यनाथ ने 2019 में धनगर जाति को एससी का प्रमाणपत्र जारी करने का शासनादेश जारी किया है, लेकिन जिलों में अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण आदेश लागू ही नहीं हो पा रहे हैं। धनगर समाज के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अरविंद धनगर का कहना है कि प्रशासन केंद्र का एससी का प्रमाण पत्र जारी नहीं करता। तैयारी करने वाले छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल पाता। एससी का निरस्त कराकर कम से कम ओबीसी में आवेदन तो कर लेते हैं। धनगर समाज को यहां न्याय नहीं मिल पा रहा है।