मुजफ्फरनगर। ग्राम पंचायत पचेड़ा कलां में प्रधान पद चुनाव के लिए एक प्रत्याशी द्वारा प्रस्तुत किया गया अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जांच में गलत पाया गया है। सत्यापन समिति ने इस प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही प्रधान पर कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई का शिकंजा भी कस गया है।
पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत पचेंड़ा कलां अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी। धर्मेंद्र ने अनुसूचित जाति (कोरी) का प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन किया था। कांटे के मुकाबले में धर्मेंद्र चुनाव जीत गए थे। हारी हुई प्रत्याशी डा. मोनिका ङ्क्षसह ने जिलाधिकारी कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था धर्मेंद्र ने अपनी जाति छिपाई है। इसके लिए डीएम चंद्र भूषण ङ्क्षसह की अध्यक्षता में सत्यापन समिति गठित की गई। समिति में एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, एसडीएम सदर परमानंद झा, जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत कुमार मालिक शामिल रहे।
एसडीएम सदर परमानंद झा की आख्या के आधार पर डीएम ने कोरी जाति का प्रमाणपत्र पत्र निरस्त कर दिया है। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर ङ्क्षसह ने प्रमाण पत्र निरस्त होने की पुष्टि की है।
इससे पूर्व जिला पंचायत सदस्य चुनाव में जरीन नामक प्रत्याशी ने भी अनूसूचित जाति का प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर नामांकन किया था। शिकायत पर जांच हुई। छह माह पूर्व सत्यापन समिति की रिपोर्ट के आधार पर जरीन का प्रमाणपत्र भी निरस्त किया गया था। जरीन के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।