मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बिजली का बिल ज्यादा आने से किसान बेहद नाराज है. किसानों की नाराजगी का आलम यह है कि उन्होंने खेत की टयूबवेलों पर लगे मीटरों को उखाड़ कर बिजली घर में पहुंचाने का काम किया. दरअसल, दो दिन पहले रविवार को बुढ़ाना तहसील के गांव उमरपुर के लगभग पांच दर्जन किसान अपनी टयूबवेलों से बिजली के मीटरों को उतारकर खानपुर बिजलीघर पर जा पहुंचे. जहां किसानों ने हंगामा करते हुए 61 टयूबवेलों के मीटरों को बिजलीघर पर मौजूद अधिकारियों को सौंप दिया.

किसानों का आरोप था की लगभग 60 किसानों की टयूबवेलों पर 25 दिन पहले बिजली मीटर लगाए गए थे, जिसके 15 दिन बाद ही बिजली विभाग के द्वारा इन किसानों को 5 से 8 हजार रुपये का बिल भेज दिया गया. इन किसानों की माने तो इस बाबत कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन किसी के सिर पर जू तक नहीं रेंगी. आखिरकार थक हार कर गुसाए किसानों ने रविवार को अपनी टयूबवेलों से इन मीटरों को उखाड़ कर बिजलीघर में जमा कराने का काम किया है.

बता दें कि जिस दिन किसानों ने इन मीटरों को बिजलीघर में जमा कराया था. उसी दिन इत्तेफाक से केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान भी इस गांव में कुछ योजनाओं का शिलान्यास करने एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. बस फिर क्या था कार्यक्रम में इन किसानों ने बिजली बिल को लेकर मंत्री जी को आड़े हाथो लिया. तब मंच से मंत्री ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा की जो बिजली के मीटर टयूबवेलों पर लगाए गए थे वो बिल के लिए नहीं लगाए गए थे.

मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि सरकार की एक योजना थी कि हमारी बिजली की खपत प्रति टयूबवेल कितनी होती है. बिजली के बिल इसी सरकार ने आधे किए और आगे माफी की तरफ बढ़ेंगे. इन मीटर से किसी का बिल नहीं आया तुम्हें भेज दिए गए कोई दिक्कत नहीं ये मेरी जिम्मेदारी है. इस सरकार में किसी भी कीमत पर बिजली के मीटर का बिल टयूबवेलों पर नहीं आएगा इससे तुम निश्चित रहो.

वहीं, इस बारे में बुढ़ाना बिजली विभाग के एसडीओ प्रशांतकांत ने सफाई देते हुए कहां कि अब तक जितने भी ट्यूबवेल के कनेक्शन थे बिजली विभाग में वह बिना कनेक्शन के हुआ करते थे, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुसार उस पर मीटर लगने का कार्य चल रहा था. सभी ट्यूबवेल के कनेक्शन मीटर से होंगे. इसी बीच उन लोगों के बिल बनने शुरू हुए तो एनआर (कम्प्यूटर जनरेटिड बिल) में बिल बने हैं. उपभोक्ताओं को जब पता चला कि बिल बढ़ कर आया तो इसी चीज को लेकर उनके अंदर रोष वाली स्थिति बनी.

एसडीओ प्रशांतकांत ने आगे बताया कि जैसे ही बिल बनने शुरू हुए थे तो जेई के द्वारा मुझे अवगत कराया गया. मैंने अधिशासी अभियंता को बताया तो बिल को ठीक करने का कार्य हमारे द्वारा किया जा रहा था, लेकिन इस बीच वे लोग ज्यादा आक्रोशित हो गए और सभी अपने मीटरों को उखाड़कर बिजली घर पर ले आए.

एसडीओ ने बताया कि बिजली घर पर जेई ने मुझे इससे अवगत कराया. मैंने अधिशासी अभियंता से बताया कि इस तरह की स्थिति एनआर का होने के कारण बन रही है. रीडिंग नोट फर्निश्ड इसका मतलब है उसकी रीडिंग नहीं ली गई. वह कंप्यूटर जनरेटर बिल है. अब यह सारी बात अधिकारियों के संज्ञान में आ चुकी है. जैसे अधिकारियों के दिशा-निर्देश होंगे उसी अनुसार काम किया जाएगा.