मुजफ्फरनगर की एक फैमिली कोर्ट ने झूठा शपथ पत्र देकर पति को फंसाने का प्रयास करने वाली पत्नी पर परिवाद दर्ज कराने का आदेश दिया है। भाई को शराबी कहे जाने पर महिला घर छोड़ आई थी। जिसके बाद उसने पति पर 50 हजार रुपये की मांग करते हुए मारपीट का आरोप लगाया था। कोर्ट में मारपीट का आरोप झूठा पाया गया।

दिल्ली की एनपीएल कालोनी निवासी प्रवीन कुमार तंवर का विवाह खतौली क्षेत्र के गांव दूधली निवासी मुनेश से हुआ था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता एड. यूनुस के अनुसार 18 सितंबर 2013 को प्रवीन तंवर ने अपने साले को पक्का शराबी कह दिया था। जिसको लेकर उसका उसकी पत्नी मुनेश से विवाद हुआ। जिसके उपरांत मुनेश अपने पिता के साथ ससुराल से अपने मायके आ गई थी।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता एड. यूनुस ने बताया कि मुनेश ने फैमिली कोर्ट में भरण पोषण का दावा पेश करते हुए उसके पति प्रवीन के विरुद्ध शपथ पत्र देकर आरोप लगाया था कि 22 सितंबर 2022 को खतौली बस स्टैंड पर उसके पति ने 50 हजार रुपये की मांग पूरी न होने पर मारपीट की थी। प्रवीन ने इस मामले में मुनेश पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। साथ ही शपथ पत्र देकर 18 सितंबर को ही घर छोड़ आने की वीडियो रिकार्डिंग पैन ड्राइव में पेश की। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर 22 सितंबर 2013 को मुनेश से मारपीट किये जाने के आरोप की जांच हुई। जिसमें मामला झूठा पाया गया। जांच में सामने आया कि 22 सितंबर को प्रवीन अवकाश होने के बावजूद दर्शाई मारपीट की घटना के समय दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में काम कर रहा था। जिससे मुनेश के दिये शपथ पत्र में झूठा तत्य दर्शाए जाने की पुष्टि हुई।

एड. यूनुस ने बताया कि मामले की सुनवाई अपर प्रधान न्यायाधीश (परिवार न्यायालय)-1 रामनेत की कोर्ट में हुई। उन्होंने सभी तथ्यों पर गौर करते हुए पाया कि प्रवीन तंवर के विरुद्ध उसकी पत्नी मुनेश ने न्यायालय में झूठा शपथ पत्र पेश किया। कोर्ट ने इस मामले में अपने पेशकार को आदेशित किया कि वह झूठा साक्ष्य देने के आरोप में मुनेश के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराए।