मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में फुगाना थाना क्षेत्र के खरड गांव निवासी बलिदानी अमित कुमार का शव रविवार दोपहर उनके पहुंचा। इस दौरान अंतिम विदाई देने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों समेत लोगों का जनसैलाब उमड़ पडा। जब तक सूरज चांद रहेगा, अमित तेरा नाम रहेगा के नारे लगे। नम आंखों के बीच बीएसएफ जवान को अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी अमित के पांच साल के बेटे आरव ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो हर आंख भर आई।

देश सेवा में शहीद हुए गांव खरड निवासी सीमा सुरक्षा बल के जवान अमित कुमार पुत्र चंद्रपाल सिंह का शव रविवार दोपहर दो बजे के करीब उनके घर पहुंचा। अमित कुमार वर्ष 2005 में बीएसएफ में भर्ती हुआ और वर्तमान में पश्चिम बंगाल में बीएसएफ की 115वीं बटालियन में तैनात थे। अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में तस्करी रोकने के लिए अमित समेत बीएसएफ के जवानों का एक दल नदी में नाव से चौकसी कर रहे थे। गश्त के दौरान नौका का संतुलन बिगड़ जाने के कारण भागीरथी नदी में गिर जाने से बीएसएफ जवान की मौत हो गई थी।

रविवार को पश्चिम बंगाल से सीधे अमित का शव दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। वहां से उनका शव बीएसएफ की गाड़ियों के साथ पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ। शव पहुंचने से पहले ही आला अफसरों सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। मेरठ करनाल हाईवे के फुगाना अड्डे पर बलिदानी के सम्मान में पहुंचे ग्रामीणों के ट्रैक्टर-ट्राली की एक किलोमीटर तक लंबी कतार लगी रही।

शव के घर पहुंचने पर पुलिस एवं सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया। प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, चरथावल विधायक पंकज मलिक एवं भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने स्वजन को ढांढस बंधाया। पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक, भाजपा जिला उपाध्यक्ष नितिन मलिक, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, रालोद के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर, संजय शर्मा ने तिरंगे में लिपटे बलिदानी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए। सीओ शरद चंद्र शर्मा, खरड ग्राम प्रधान पति विकास मलिक, फुगाना प्रधान जितेंद्र मलिक समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखों से पुष्प चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी।

अमित की शादी वर्ष 2012 में बुलंदशहर जनपद के गांव पाली निवासी बबीता देवी से हुई थी। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। अमित के बलिदानी होने की खबर सुनने के बाद से स्वजन में कोहराम मचा है। पत्नी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है।