मुजफ्फरनगर। भाजपा सरकार ने तीन तलाक का कानून बनाकर भले ही अल्पसंख्यक महिलाओं का कल्याण करने की कोशिश की हो, लेकिन ग्राउंड जीरो पर महिलाओं को इसका उतना फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा जितना होना चाहिए था। अब तीन तलाक दिए बगैर ही अल्पसंख्यक पति पहली पत्नी के होते हुए दूसरा निकाह कर रहें है।

गुरुवार को एसएसपी ऑफिस पहुंची छपार थाना क्षेत्र के गांव खामपुर निवासी नजराना पत्नी मुद्दसिर ने बताया कि 10 दिन पहले उसके शोहर ने उसे घर से बाहर निकाल कर दूसरा निकाह कर लिया है। एक पैर से विकलांग नजराना किसी तरह एसएसपी ऑफिस पहुंची, जहां पीडिता ने रोते हुए मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई।

पीडिता ने बताया कि वह पुरकाजी की रहने वाली है। पिता का देहांत पहले ही हो चुका है। विधवा मां ने किसी तरह दो बहनों व एक भाई को पालपोश कर बड़ा किया और भाई ने सऊदी अरब में नौकरी कर मेरा निकाह 25 जून को धूमधाम से छपार थाना क्षेत्र के गांव खामपुर में किया था। सभी दान दहेज भी दिया, लेकिन शादी के 8 -10 माह बाद उन्होंने दहेज की डिमांड की जिसे हमने अपना घर बेच कर दिया।

मैने अपना घर बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं सुधरे। आए दिन दहेज की डिमांड और मारपीट से वह तंग आकर अपने घर पुरकाजी अपनी मां और भाई के पास चली गई। पीडिता ने बताया कि इस बीच गांव में पंचायत भी की गई, जिसमें उल्टे मेरे गहने और लाखों रूपए चोरी करने का इल्जाम लगा दिया।

इस दौरान पुलिस में भी मामला गया। जिसमें घरेलू हिंसा व दहेज का मुकदमा अदालत में चल रहा है, लेकिन इसी बीच पीडित को पता चलता कि 1०-12 दिन पहले तावली गांव में उसके पति ने दूसरी महिला से रात के समय निकाह कर लिया। जिसके बाद पीडिता अपने परिजनों को लेकर तावली गांव पहुंची, जहां सच्चाई सामने आ गई। उसके बाद से ही आज तक पीडिता की कोई सुनवाई नहीं हुई।

पीडिता का कहना है कि उसका भाई मेहनत मजदूरी कर किसी तरह से पैसों का इंतजाम कर केस लड़ रहा है। इसी बीच उसके पति ने नया बखेडा खडा कर दिया है। अब हमारी हिम्मत टूटने लगी है। पीडिता ने बताया कि एसएसपी अभिषेक यादव ने उसे संपूर्ण मदद का भरोसा दिया और पीडिता के पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।