मुजफ्फरनगर, चरथावल। चरथावल गंगनहर की पटरी टूटने से चरथावल सहित तीन गांवों के किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं। 24 घंटे से ज्यादा समय तक पानी बहने के बावजूद सिंचाई विभाग ने बंद लगाने में रुचि नहीं दिखाई। किसान द्वारा डीएम को शिकायत के बाद दोपहर बाद तीन बजे कर्मचारियों ने बहते पानी को बंद किया। कई सौ किसानों की ईख और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
देवबंद से होकर वाया चरथावल आ रही नहर की पटरी बृहस्पतिवार रात को टूट गई। जिससे चरथावल, दहचंद और घिस्सुखेड़ा के किसानों की फसलों में कई फीट तक पानी भर गया। जिससे किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान ताहिर, नगर पंचायत सदस्य सत्तार त्यागी, निसार त्यागी, नासिर त्यागी, इरफान, प्रमोद त्यागी, पीतांबर आदि के खेतों में खड़ी ईख और पकने को तैयार धान की फसल खराब हो गई। नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग किसानों ने डीएम से की है। 24 घंटे से ज्यादा नहर कटकर खेतों की तरफ बहता रहा, लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने सुध नहीं ली। शुक्रवार दोपहर किसान नासिर ने डीएम मोबाइल फोन पर शिकायत की। उसके बाद सिंचाई विभाग हरकत में आया और नहर के कटाव के लिए कार्रवाई की। करीब तीन बजे पानी बंद हुआ।
उधर, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरि शर्मा ने बताया कि किसानों को फिलहाल नहर के पानी की मांग कम है। दो दिन से बारिश अधिक होने के कारण नहर में पानी काफी आ रहा है। ओवर फ्लो में नहर की पटरी टूटी थी। जहां पटरी कच्ची थी, वहां पानी का बहाव हुआ। सूचना मिलने पर एसडीओ को मौके पर भेजकर पानी के बहाव को बंद कराया गया।