मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में व्यवस्था परिवर्तन ने टकराव के हालात भी पैदा कर दिये हैं। सफाई व्यवस्था सदृढ़ बनाने के लिए जिलाधिकारी द्वारा दिये गये आदेशों को लेकर सफाई कर्मचारी संघ नाराज है और इस नाराजगी का असर यह हुआ कि मामला हड़ताल तक जा पहुंच गया है। आज सफाई कर्मचारियों ने संघ नेताओं के साथ पालिका प्रांगण में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर पालिकाध्या व ईओ के नाम नोटिस दिया है। 24 घंटे में मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल और आंदोलन की चेतावनी दी गयी है।

नगरपालिका परिषद् के सफाई कर्मचारियों के हितों को लेकर सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चमनलाल ढिंगान और महामंत्री अरविन्द उर्फ सोनू मचल के नेतृत्व में सफाई कर्मियों ने आज पालिका प्रांगण में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ नेताओं ने जिन 10 मांगों को पालिका प्रशासन के सम्मुख उठाया है, उनमें सफाई नायकों को प्रतिदिन 100 रुपये वाहन भत्ता देने, सेवानिवृत्त कर्मियों के देयों का भुगतान करने, कर्मियों को हाथ रेहडे व सफाई उपकरण दिलाने, आउट सोर्सिग सफाई कर्मचारियों के पीएफ कटौती का समाधान कराने, 250 सफाई कर्मचारी समझौते के अनुसार वार्डों में रखने, मृतक सफाई कर्मचारियो के एसीपी का भुगतान, आउट सोर्सिंग सफाई कर्मचारियो के वेतन में बढोतरी कर भुगतान करने, सेवानिवृत्त स्थायी सफाई कर्मचारियों के स्थान पर उनके परिवार के एक सदस्य को आउट सोर्सिंग पर रखने और सफाई कर्मचारियो के साथ दुर्घटना होने की सम्भावना को देखते हुए एक फण्ड पालिका प्रशासन में बनाने की मांग की गयी है। संघ नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगो का पालिका प्रशासन द्वारा 24 घण्टे के अन्दर निस्तारण नहीं किया जाता है तो सफाई कर्मचारी संघ विवश होकर धरना प्रर्दशन, कूडा वाहन रोकना व काम बन्द हडताल के लिए बाध्य होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी पालिका प्रशासन की होगी।

संघ नेताओं का यह आंदोलन मांग पत्र के अनुसार तो सफाई कर्मचारियों की ांगों को लेकर है लेकिन सूत्रों का कहना है कि डीएम द्वारा सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए वार्डों में एक समान कर्मचारियों की संख्या करने के आदेशों के अनुरूप किये गये तबादलों को लेकर नाराजगी का ही यह असर है। दरअसल डीएम के आदेशों के बाद पालिका में सफाई कर्मचारियों के वार्डों में तबादले कर दिये गये हैं। इसमें प्रत्येक वार्ड में 13-13 सफाई कर्मचारी तैनात किये गये हैं। इसी को लेकर सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं में रोष बना हुआ हैै। उन्होंने इन तबादलों का विरोध किया है। इसको लेकर संघ के महामंत्री अरविन्द मचल की ईओ हेमराज के साथ तीखी झड़प भी हुई। अरविन्द मचल का कहना है कि जनसंख्या के आधार पर बने मानक में एक वार्ड में कम से कम 28 कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में 2011 की जनसंख्या को आधार बनाकर पालिका प्रशासन काम कर रहा है, जबकि 10 वर्षों में आबादी काफी बढ़ गयी है। आज पालिका के पास करीब 650 सफाई कर्मचारी हैं, जबकि 1990 में 1200 सफाई कर्मचारी थे, तब आबादी काफी कम थी। उन्होंने कहा कि शहर में करीब 15 वार्ड जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से काफी बड़े हैं, वहां पर 13 कर्मचारियों से काम नहीं चलेगा। कुछ वार्ड छोटे हैं, वहां 13 कर्मचारी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हमारी डीएम से कोई नाराजगी नहीं है। व्यवस्था जनसंख्या के हिसाब से बननी चाहिए। कर्मचारियों का शोषण नहीं होने दिया जायेगा।