मुजफ्फरनगर। फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर मजदूर के नाम पर शातिरों ने लोन पर स्कॉर्पियो कार खरीद ली। पीड़ित पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। बैंक ने धोखाधड़ी के मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित का कहना है कि उसने कभी कोई वाहन नहीं खरीदा। शातिरों ने उसके प्रमाणपत्रों का प्रयोग किया है। फोटो किसी अन्य व्यक्ति के लगाए गए हैं।
बामनहेड़ी निवासी मूलेराज ने बताया कि वह मजदूरी कर घर का गुजारा करता है। 26 नवंबर को इनकम टैक्स रिटर्न भरवाने के लिए एक अधिवक्ता के पास गया था। अधिवक्ता ने प्रमाणपत्रों की जांच की तो पता चला कि उसके नाम पर लोन लेकर स्कॉर्पियो गाड़ी खरीदी गई है। जबकि उसने कोई वाहन नहीं खरीदा है। उसके नाम पर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर स्कॉर्पियो कार खरीदी गई है। पीड़ित ने पुलिस और परिवहन विभाग को जानकारी दी। पीड़ित का कहना है कि सिविल लाइन पुलिस ने उसका मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
मुजफ्फरनगर। फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड और अन्य कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 1.19 लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड और 17 लाख 50 हजार रुपये का ऑटो लोन पास कराने वाले गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने पिछले महीने पकड़ा था। आरोपियों के कब्जे से चार लग्जरी गाड़ी बरामद हुईं, जिनकी कीमत लगभग 70 लाख रुपये थी। जिसमें शहर के रामपुरी निवासी अंकुश त्यागी, एकता विहार निवासी आलोक त्यागी, नई मंडी निवासी संदीप कुमार और गांधीनगर निवासी सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया था।
यह गैंग फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड व फर्जी फोटो बनाकर बैंक में कागज जमा कर लोन पास कराकर नई गाड़ी कंपनी से खरीद लेते हैं। ये लोग अब तक करीब 15 गाड़ियों का फर्जी फाइनेंस करा चुका है। एक गाड़ी को खरीदने के लिये गाड़ी की कीमत का 20 प्रतिशत बैंक में जमा कराते हैं, जिसमें फर्जी पता होने के कारण बैंक उसे ट्रैस नहीं कर पाता है।