मुजफ्फरनगर। साल 2022 गुजरने वाला है। सरकारी योजनाओं से इस साल सैकड़ों लोगों को घर मिला, जबकि सैकड़ों अब भी बेघर हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम, द्वितीय और तीसरी किस्त नहीं मिलने से आवास अधूरे पड़े हैं। किराए के मकान में रहकर लोग अपना घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। डूडा से संचालित पीएम आवास योजना में विभाग का दावा है कि 2022 में 3113 परिवारों के आवास पूर्ण हुए है। हालांकि यहां अभी भी 116 आवेदन लंबित है।

एमडीए ने मेरठ रोड पर 224 आवास बनाए हैं। लगभग 11 करोड़ की लागत से 2019 से ये आवास बन रहे है, एक साल से तैयार है। बिजली और पानी न होने के कारण परिवारों को नहीं दिए जा सके। आवासों को लॉटरी के माध्यम से पहले ही बांटा जा चुका है। 2022 में मकान पाने का 224 परिवारों का सपना अधर में ही है। अब इन लोगों को उम्मीद है कि 2023 के शुरू में ही उन्हें अपना घर मिल जाएगा। उधर, भोपा रोड पर हाइवे के निकट बन रहे आवास का भी है। यहां भी आवास अभी अधूरे ही है, यहां भी एमडीए 216 आवासों का निर्माण करा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिले के नौ ब्लाकों में बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किए हैं, लेकिन सरकार से केवल 237 ही स्वीकृत हुए हैं, इनमें 219 का ही पैसा जारी हो पाया है। इनमें 176 एससी परिवार है। इनके मकान का सपना भी अब 2023 में ही पूरा हो पाएगा।

डूडा पीओ सतीश गौतम ने बताया कि शहरी क्षेत्र में जिले में इस वर्ष 3113 पीएम आवास पूर्ण हुए हैं। पीएम आवास योजना में वर्ष 2022 में 1686 को प्रथम किश्त, 3261 को द्वितीय किश्त एवं 424 को तृतीय किश्त जारी हुई।

एमडीए के सचिव आदित्य प्रजापति ने बताया कि मेरठ रोड पर दीन दयाल उपाध्याय आवासीय योजना में सभी आवास बनकर तैयार हो गए हैं। पानी और बिजली की समस्या का निराकरण हो गया है, अब आवंटन की प्रक्रिया कर रहे हैं।