मुजफ्फरनगर। जिले की छह विधानसभा सीटों पर रूठों को मनाने का खेल आखिरी दिन तक चला। इस बार प्रत्याशियों को अंत तक विरोध का सामना करना पड़ा। पार्टी के पदाधिकारियों ने रूठों को मनाने में अहम भूमिका निभाई। भीतरघात रोकने के लिए भी राजनीतिक दलों ने ताकत झोंक दी।

प्रचार थम जाने के बाद मोबाइल पर समर्थकों को भेजकर मतदाताओं से गोपनीय तरीके से बात कर रूठों को मनाया गया। जिले में टिकट बंटवारे के बाद से ही प्रत्याशियों के प्रति नाराजगी भी सामने आई। प्रत्याशियों ने रूठों को मनाने के लिए आखिरी दिन तक प्रयास किया। इस प्रयास में अधिकतम प्रत्याशियों को सफलता भी मिलती नजर आई। जिले की सभी छह विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों का यह प्रयास चला।

इस बार सबसे ज्यादा रूठने और मनाने का कार्य भाजपा में चला। भाजपा हाईकमान ने परिस्थितियों को भांपा तो रूठों को मनाने के लिए अलग से पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी। मतदान से पहले तक यह प्रयास चलते रहे। काफी हद तक पार्टी को सफलता भी मिली। यही स्थिति गठबंधन में भी देखने को मिली और रूठों को मनाकर पार्टी के कार्य में लगाया गया। मतदान से पहले तक ये प्रयास चलते रहे।