खतौली। गांव दाहौड़ के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक सादिज सैफी पर मुस्लिम बच्चों को अलग लेकर अलगाववाद की बातें करने का आरोप है। यही नहीं मुस्लिम बच्चे से दूसरे समुदाय के बच्चे को बिना वजह थप्पड़ भी लगवाए गए। बीएसए शुभम शुक्ला ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा। साथ ही अनुदेशक का नवीनीकरण भी रोक दिया गया है।
गांव दाहौड़ के उच्च प्राथमिक विद्यालय में खतौली ग्रामीण भूड़ निवासी साजिद सैफी अनुदेशक के पद पर कार्यरत था। पिछले दिनों उसने गांव के ही राजकुमार के पुत्र को एक मुस्लिम छात्र से विद्यालय में थप्पड़ भी लगवाया था। छात्र ने यह बात अपने पिता को बताई थी। पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत की, जिसके बाद जांच शुरू हुई।
आरोप है कि विद्यालय के अनुदेशक मुस्लिम बच्चों का पक्ष करते हैं तथा उनके पुत्र को बिना किसी गलती के दूसरे छात्र से थप्पड़ लगवाया था। इस प्रकरण को लेकर बीएसए शुभम शुक्ला की ओर से साजिद सैफी को नोटिस जारी कर सात बिंदुओं पर जवाब मांगा गया था। अनुदेशक का नवीनीकरण रोक दिया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय गांव दाहौड में कक्षा सात में अध्ययनरत छात्र का कहना है कि वह विद्यालय में बैठा हुआ था। उसके सिर में दर्द था। एक अन्य छात्र से उसने पेंसिल मांगी । इसी दौरान अनुदेशक साजिद सैफी ने दूसरे समुदाय के छात्र से उसे थप्पड लगवाया था।
छात्र के पिता राजकुमार ने बताया कि उसके पुत्र को बिना किसी गलती के दूसरे समुदाय के छात्र से थप्पड़ लगवाया गया। जिस पर वह विद्यालय गया तथा इसका विरोध भी किया था। आरोप है कि अनुदेशक अपने फोन के स्टेटस पर धार्मिक कट्टरवाद की पोस्ट लगाता है। इस प्रकरण की उसने 30 मई को बीएसए को शिकायत की थी। प्रधानाध्यापक पर डंडा देने का आरोप लगाया,ग्राम प्रधान के पुत्र मानू कश्यप का कहना है कि विद्यालय में देर से आने वाले छात्रों की पिटाई के लिए प्रधानाध्यापक ने अनुदेशक को डंडा दिया था। हालांकि अनुदेशक ने छात्रों को पीटने से मना कर दिया था। इसे लेकर दोनों के बीच मनमुटाव हो गया था। इसकी जानकारी पर करीब एक माह पूर्व उसने विद्यालय पहुंच कर दोनों के बीच समझौता करा दिया था। छात्र को थप्पड मारने के मामले की कोई जानकारी नहीं है।
– प्रत्येक शुक्रवार को डेढ़ बजे नमाज पढ़ने के लिए जाना और फिर वापस नहीं आना
– बच्चे को नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित करना, इस दिन स्कूल नहीं आने के लिए कहना
– टीचर डायरी और पाठ योजना नहीं बनाना
– विद्यालय के कार्यक्रमों में प्रतिभाग नहीं करना
– मुस्लिम बच्चों को अलग से लेकर अलगाववाद की बातें करना
– बच्चों के साथ धर्म के आधार पर व्यवहार करना
– विद्यालय में समय पर नहीं आना, व्यवस्था में सहयोग नहीं करना
– आपत्तिजनक स्टेटस लगाना
अनुदेशक साजिद सैफी का कहना है कि वह बच्चों को पीटने के खिलाफ है। एक साजिश के तहत उसके खिलाफ प्रकरण रचा गया है। उसके ऊपर लगाए गए तमाम आरोप निराधार हैं। विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दे दिया गया था। वह जुमे के दिन नमाज पढ़ने के लिए छुट्टी रखते थे। जिस पर उसका छुट्टी का मानदेय भी कटता था। मुझे नमाज पढ़ने जाने के लिए प्रधानाध्यापक ने मना किया था। प्रधानाध्यापक चंद्रकांत सहगल का कहना है कि छात्र को थप्पड़ लगवाने के बाद आक्रोशित छात्र के परिजनों से उन्होंने मिलकर गलती मानी थी। अनुदेशक को छात्रों के साथ ऐसा न करने के लिए कहा गया था।