मुजफ्फरनगर। रक्षाबंधन पर मुसाफिरों की भारी भीड़ के आगे राज्य परिवहन निगम बेबस हो गया। बसें नहीं मिलने के कारण दिनभर मुसाफिर विशेषकर महिलाएं, छोटे बच्चों के साथ घंटों तक बस स्टैंड और महावीर चौक पर इधर-उधर घूमते रहे। स्टैंड पर बसों के पहुंचते ही भर यात्रियों से भर जाया करती थी। इसके चलते मजबूरी में मुसाफिरों को डग्गामार वाहनों के साथ ही टेंपो व मैजिक वैन का सहारा लेना पड़ा।
रक्षाबंधन पर्व पर शासन द्वारा महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की घोषणा के बाद राज्य परिवहन निगम ने सभी मार्गों पर पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध कराए जाने का दावा किया था, जो रविवार को पूरी तरह फेल हो गया। सभी मार्गों पर रोडवेज बसों के फेरे बढ़ा दिए जाने के बावजूद मेरठ-मुजफ्फरनगर, मेरठ-सहारनपुर, मेरठ-बड़ौत और मेरठ-शामली मार्ग पर बसें ढूंढे नहीं मिलीं। रोडवेज के बेडे़ में शामिल 191 बसें ट्रिप बढ़ाए जाने के बावजूद मुसाफिरों का दबाव नहीं सह सकीं। इसके चलते रोडवेज बस स्टेंड के साथ ही महावीर चौक पर भी मुसाफिर बसों की तलाश में इधर से उधर भटकते रहे।
खासकर महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ बसों की तलाश में घंटे परेशान रहीं। थक हारकर अधिकांश मुसाफिरों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ा, जबकि जो बसें पहुंचती रहीं, वे खाली होने से पहले ही सीटों की क्षमता से अधिक मुसाफिरों से भरतीं रहीं। एआरएम प्रेम सिंह ने बताया कि मंगलवार 24 अप्रैल तक मुसाफिरों की अधिक संख्या के चलते बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं। रक्षाबंधन पर बड़ी संख्या में यात्री आने के कारण कुछ बसों को क्षमता से अधिक के साथ भी चलाया गया है।
रक्षाबंधन पर्व से ठीक पहले शासन ने हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए भी रोडवेज बसों के संचालन की घोषणा की थी। इसके चलते बड़ी संख्या में इन राज्यों के लिए सफर करने वाले मुसाफिर रोडवेज बस स्टेंड पर पहुंचे, लेकिन पूर्व निर्धारित रूटों पर ही बसें पर्याप्त न पड़ने के कारण रविवार को इन राज्यों के लिए बसों का संचालन नहीं किया गया।