मुजफ्फरनगर| शामली के थानाभवन में 23 साल पहले महिला की जलाकर हत्या के मामले में दोषी को गैंगस्टर की धारा में दो साल कारावास की सजा सुनाई गई । गैंगस्टर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने फैसला सुनाया। हत्या में दोषी को पहले ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि मकान की छत पर महिला शिमला की जलाकर हत्या कर दी गई थी। मृतका की बेटी बेबी ने आरोपी रामपाल उर्फ सेठी और राजकुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
थानाभवन के तत्कालीन थानाध्यक्ष वीर विक्रम सिंह ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया। वर्ष 2010 में अभियुक्त रामपाल की मृत्यु हो गई थी। बुधवार को अदालत ने अभियुक्त राजकुमार को गैंगस्टर के मामले में दोष सिद्ध करते हुए दो साल कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।
मुकदमें की वादी बेबी के पिता पानीपत में मजदूरी करते थे और वहीं रहते थे, जबकि परिवार थानाभवन में रह रहा था। घटना की रात वादी बेबी, उसकी मां शिमला, दो भाई और एक बहन छत पर सोए हुए थे। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे शिमला की चीख सुनकर परिवार जाग गया।
गांव के ही राजकुमार और रामपाल उर्फ सेठी शिमला के साथ हाथापाई कर रहे थे। शिमला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी गई, जिससे शिमला गंभीर रूप से झुलस गई और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी।