नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 का टीका जब भी उपलब्ध होगा, सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा. इसके लिए देशभर के 92 प्रतिशत सरकारी अस्पताल और 55 प्रतिशत निजी अस्पताल आंकड़े प्रदान कर रहे हैं. प्राथमिकता के आधार पर एक करोड़ हेल्‍थकेयर वर्कर्स की लिस्‍ट तैयार कर ली गई है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत में पांच टीकों पर काम जारी है, जिनमें से चार का II/III और एक का I/II चरण का ट्रायल चल रहा है. राज्यों को डॉक्टरों, एमबीबीएस छात्रों, नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं आदि सहित अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पहचान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है ताकि यह प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी की जा सके.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सभी सरकारी अस्पतालों के लगभग 92 प्रतिशत और निजी अस्पतालों के 55 प्रतिशत आंकड़े मुहैया कराए गए हैं. अन्य जानकारियां अगले सप्ताह तक आ जाएंगी. हमने सभी राज्यों से प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है.’

सूत्रों ने बताया कि कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की मदद से केंद्र ने प्राथमिकता वाले लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिन्हें शुरुआती चरण में टीके लगाए जाएंगे. बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने कहा है कि 2021 की पहली तिमाही तक कोविड-19 (COVID-19) का टीका आने की संभावना है.

कोवैक्सीन (COVAXIN) का निर्माण भारत बायोटेक-ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मिलकर कर रहे हैं. कोवैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में है. देश के 22 सेंटर पर वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल हो रहा है, जिसमें करीब 26 हजार वॉलेंटियर शामिल हो रहे हैं.

कोवैक्सीन के पहले दो चरण में 1000 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. पहले दो फेज में शामिल वॉलंटियर्स में वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा था. जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे फेज का ट्रायल भी कामयाब होगा.