नई दिल्ली। आयकर विभाग ने विदेश में टैक्स भुगतान कर चुके करदाताओं को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने विदेशी टैक्स क्रेडिट से जुड़े नियम में बदलाव किया है। सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1962 के नियम 128 में संशोधन किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब फॉर्म नंबर 67 में स्टेटमेंट संबंधित आकलन साल अंत में या उससे पहले भी सब्मिट किया जा सकता है।
आयकर विभाग ने कहा है कि अगर किसी ने विदेश में टैक्स भुगतान किया है तो वह व्यक्ति भारत में क्रेडिट का दावा आकलन वर्ष के आखिरी तक कर सकता है। हालांकि यह राहत सिर्फ उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने अपना आयकर रिटर्न निर्धारित समयसीमा के अंदर फाइल किया है। विभाग ने कहा है कि फार्म संख्या-67 में दिए जाने वाले स्टेटमेंट को अब संबंधित टैक्स आकलन वर्ष के अंत तक दिया जा सकता है।
खास बात यह है कि सीबीडीटी ने इस संशोधन को पिछली तारीख से लागू करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में जमा किए गए सभी एफटीसी (फारेन टैक्स क्रेडिट) दावों पर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। अभी तक जरूरी दस्तावेजों के साथ फार्म-67 को वास्तविक रिटर्न की फाइलिंग की तय तारीख तक जमा करने पर ही विदेश में जमा कर का क्रेडिट लिया जा सकता था। इस प्रविधान की वजह से भारत के बाहर चुकाए गए टैक्स के लिए सीमित दावों का ही पता चल पाता था।
मालूम हो कि आयकर दाखिल करने की अंतिम तारीख पिछले महीने ही खत्म हो चुकी है। अब तक की प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस वित्त वर्ष में पांच करोड़ से अधिक लोगों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया है। अब आईटीआर वेरिफाई करने के लिए 120 दिनों की मोहलत मिली है। आयकर विभाग के प्राविधान के मुताकि आईटीआर का वेरिफिकेशन नहीं होने पर यह अवैध माना जाएगा। यही नहीं इस कंडिशन में रकम भी रिफंड नहीं होगी।