बर्मिंघम. भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. महिला बैडमिंटन के सिंगल्स फाइनल में पीवी सिंधु की जीत के साथ ही भारत ने गेम्स के इतिहास में 200वां गोल्ड मेडल हासिल किया. बर्मिंघम खेलों में भारत ने 22 गोल्ड जीते, जिससे उसके कुल गोल्ड की संख्या 203 हो गई. सिंधु के बाद बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स में लक्ष्य सेन जबकि पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग सेन जोड़ी ने गोल्ड जीता. अचंता शरत कमल ने इसके बाद टेबल टेनिस में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.
कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल की संख्या के मामले में ऑस्ट्रेलिया (1003) टॉप पर है, जबकि इंग्लैंड (773) दूसरे और कनाडा (510) तीसरे स्थान पर है. गेम्स में भारत ने पहला गोल्ड 1958 में जीता था. यह गोल्ड महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह ने जीता था. भारत ने इसके बाद हर कॉमनवेल्थ गेम्स में (1962 और 1986 में भाग नहीं लिया) गोल्ड मेडल जीता है.
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत 61 मेडल के साथ ओवरऑल चौथे स्थान पर रहा. इसमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया 178 मेडल के साथ टॉप पर रहा. उसने 67 गोल्ड, 57 सिल्वर और 54 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए. इस मामले में दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के लिए सबसे सफल रहे है, जिसमें उसने 38 गोल्ड मेडल जीते थे.