आईआईए कार्यालय पर आयोजित बैठक में चैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर ने कहा कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आईआईए जो उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों एमएसएमई की शीर्ष संस्था है, एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी प्रदेश के लगभग आधी आबादी के हित में कुछ अपेक्षाओं के प्रस्ताव तैयार किए हैं । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में न केवल जनसंख्या में परंतु एमएसएमई की संख्या में भी अन्य राज्यों की तुलना में देश में प्रथम स्थान रखता है। आईआईए ने राजनैतिक दलों से अपने घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए कुछ प्रस्ताव दिए हैं जिससे प्रदेश में विकास तेजी से हो सकता है। इस दौरान बैठक में मनीष भाटिया सचिव, अनुज स्वरूप बंसल कोषाध्यक्ष, अरविंद मित्तल, अश्वनी खंडेलवाल, अमित गर्ग, पंकज जैन व मनीष जैन आदि उपस्थित रहे।

देश के कुल एमएसएमई की संख्या में उत्तर प्रदेश के एमएसएमई की संख्या 14.20 प्रतिशत है। प्रदेश में 89.99 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित है, जिनमें कार्यरत 165 लाख लोग जुड़े हैं यदि एक परिवार में औसतन सदस्यों की संख्या चार मान भी जाए तो प्रदेश की करीब आधी जनसंख्या का जीवन यापन एमएसएमई के सेक्टर पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एमएसएमई के उत्थान प्रगति समृद्धि से संबंधित कुछ मुख्य प्रस्ताव राजनीतिक पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए तैयार किए हैं। चुनाव जीतने के उपरांत सरकार बनाने वाली पार्टी इनको क्रियान्वित करती है तो प्रदेश की आधी आबादी को सीधे लाभ मिलेगा।

1. प्रदेश के सभ्ज्ञभ् विभागों व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व स्वायत्तशासी निकायों में कुल खरीद का 30 प्रतिशत हिस्सा सूक्ष्म व लघु उद्योग से खरीदा जाएं

2.सरकारी विभाग के टेंडरों में एमएसएमई के लिए किसी प्रकार की तकनीकि शर्त न हो व सारी खरीद जैम पोर्टल के माध्यम से ही की जाएं

3. प्रदेश में एमएसएमई की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड किया जाएं

4. औद्योगिक परिसंपत्तियों और भवनों पर हाउस टैक्स आवासीय भवनों के मुकाबले कम किया जाएं

5. रूफ टाप सोलर सिस्टम को प्रोत्साहन देने को क्लीन एनर्जी के उपयोग को बढावा देने को एमएसएमई की नेट मीटरिंग की सुविधा बहाल की जाएं

6. प्रदेश में त्वरित औद्योगिक विकास के लिए गंगा एक्सप्रेस वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएं

7. सूक्ष्म व लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग में पर्यावरण, विद्युत और अग्नि सुरक्षा से संबंधित सहायता के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण व्यवस्था हो

8. मंडी शुल्क को समाप्त किया जाएं और उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एमएसएमई का प्रतिनिधित्व भी हो