
उन्नाव| उन्नाव जिले के अचलगंज थाना क्षेत्र में छह दिन से लापता युवक की हत्या कर शव उसके घर के पास के तीसरे बंद पड़े मकान में फेंक दिया गया। दुर्गंध आने पर पड़ोसियों को शक हुआ, तो छत जुड़ी होने से झांककर देखा। सीओ और एसओ डॉग स्क्वाड और फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। गेट का ताला तोड़ा गया। अंदर युवक का सड़ा गला शव पड़ा मिला।
मृतक की मां ने परिजनों के साथ पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक शव न उठने देने की बात कही। अपहरण में नामजद तीन आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद हंगामा शांत हुआ। शाम पांच बजे के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थाना क्षेत्र के गांव कोलुहागाढ़ा निवासी कान्हा (45) 17 सितंबर की रात लापता हो गया था।
मां मीरा ने अचलगंज थाने में सूचना दी थी। उसने बताया था कि बेटे की पड़ोस की युवती से अधिक बातचीत होती थी। उसके परिजन बेटे की हत्या कर सकते हैं। उसके बाद भी पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया और उसे चलता कर दिया। बाद में सिर्फ गुमशुदगी दर्ज की। काफी प्रयास के बाद जब बेटे का पता न चला तो मृतक की मां एसपी से मिली और घटना की जानकारी दी।
एसपी के निर्देश पर बुधवार को सात के खिलाफ युवक के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई। गुरुवार को मृतक के घर से तीसरे बंद पड़े अमित त्रिपाठी के मकान से दोपहर करीब एक बजे दुर्गंध आने पर पड़ोसियों को शक हुआ। छत जुड़ी होने से सभी ने चहारदीवारी फांदकर झांककर देखा, तो कान्हा का शव पड़ा था। घटना की सूचना पर एसओ प्रशांत द्विवेदी के साथ सीओ माया राय डॉग स्क्वायड और फोरेंसिंक टीम के साथ पहुंची।
गुजरात में रहने वाले मकान मालिक से फोन पर बात कर उनके मकान का ताला तोड़ा गया। अंदर जाकर देखा तो कान्हा मुंह के बल पड़ा हुआ था। शव सड़ा होने के साथ कीड़े पड़े थे। इकलौते बेटे का शव देख मां और अन्य परिजन बेहाल हो गए। पुलिस की लापरवाही से बेटे की हत्या का आरोप लगाकर परिजनों और लोगों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया।
साथ ही, अपहरण में दर्ज सात आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने नामजद पड़ोसी पूजा, विनय और नेहा को गिरफ्तार कर लिया। तब शाम करीब पांच बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। सीओ मायाराय ने बताया कि अपहरण में नामजद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कान्हा के लापता होने वाले दिन उसकी मां मीरा थाने गई, लेकिन पुलिस ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की और चलता कर दिया। दूसरे दिन काफी कहासुनी के बाद गुमशुदगी दर्ज की, लेकिन तलाश के नाम पर पुलिस चुप्पी साध गई। इकलौते बेटे के अपहरण फिर हत्या का शक होने पर 20 सितंबर को मां एसपी से मिली और आपबीती सुनाई।
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा के आदेश पर एसओ की सुस्ती टूटी और आखिरकार सात लोगों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की। हालांकि यहां पर एसओ खानापूर्ति करते रहे और युवक की कोई तलाश नहीं की। अपहरण की रिपोर्ट के दूसरे ही दिन उसका शव कहीं दूर नहीं, बल्कि उसी के घर से तीसरे बंद पड़े मकान में मिला।
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