मेरठ। परतापुर के भूड़बराल गांव में हुए मां-बेटी की हत्या के मामले में लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर परतापुर पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट में मुख्य हत्यारोपी की जमानत की अर्जी लगाई गई थी, जिसे लेकर कोर्ट ने केस डायरी मांगी थी। कई बार सूचना के बावजूद केस डायरी कोर्ट नहीं भेजी गई। इसी को लेकर हाईकोर्ट ने एसएसपी मेरठ से जवाब मांगा था और कार्रवाई की भी जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद एसएसपी ने परतापुर इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया।
गाजियाबाद निवासी प्रिया को शमशाद ने नाम बदलकर अपने प्रेम जाल में फंसाया था। इसके बाद शादी का झांसा देकर प्रिया को आरोपी अपने साथ मेरठ में परतापुर के भूड़बराल ले आया था और यहीं पर रहने लगा था। प्रिया के एक 10 साल की बेटी कशिश भी थी। आरोपी शमशाद ने प्रिया की प्रॉपर्टी के लालच में 28 मार्च 2020 को प्रिया और उसकी बेटी कशिश की हत्या कर दी थी। कत्ल करने के बाद दोनों लाश को वहीं मकान के बेडरूम के अंदर गड्ढ़ा खोदकर वहीं दबा दिया था।
इस मामले में प्रिया की सहेली चंचल ने पुलिस को शिकायत कर अनहोनी की आशंका जताई थी और बताया था कि प्रिया का मोबाइल फोन लगातार बंद है। पुलिस ने छानबीन करते हुए 22 जुलाई को आरोपी शमशाद को गिरफ्तार किया तो डबल मर्डर का खुलासा हो गया। इसके बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मकान के फर्श के नीचे से प्रिया और कशिश के कंकाल बरामद किए।
इस मामले में पुलिस ने 27 अक्टूबर को चार आरोपियों शमशाद, उसकी पत्नी आयशा, दिलावर और नकुल के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। शमशाद की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। कोर्ट पिछले काफी समय से परतापुर पुलिस से केस डायरी मांग रही थी और पत्राचार हुआ था। केस डायरी नहीं भेजी गई तो हाईकोर्ट ने मेरठ एसएसपी से जवाब तलब कर लिया। इसके बाद एसएसपी मेरठ रोहित सिंह सजवाण ने इंस्पेक्टर परतापुर शैलेंद्र प्रताप को सस्पेंड कर दिया। जवाब हाईकोर्ट भेजा गया है और यह भी बताया गया है कि अगली सुनवाई तक केस डायरी हाईकोर्ट पहुंच जाएगी।