नई दिल्ली। जो लोग डायबिटीज़ से पीड़ित होते हैं, उनके लिए ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना बेहद मुश्किल हो जाता है। क्या खाना है, कब खाना है और कितना खाना, इन सब बातों का ध्यान रखना बेहद अहम हो जाता है। दूध को संतुलित पोषण की दृष्टि से संपूर्ण आहार माना जाता है, लेकिन क्या यह डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी उतना ही अच्छा है, खासकर रात के समय?

फैट्स, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स और खनीज के अलावा दूध में लैकटोस के रूप में कार्ब्स भी होते हैं, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए चिंता का कारण है, क्योंकि उन्हें ब्लड शुगर के स्तर के प्रबंधन के लिए अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन पर नज़र रखने की ज़रूरत होती है। दूध में मौजूद लैक्टोस शरीर में जाकर चीनी में तबदील हो जाता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज़ स्तर बढ़ने लगता है।

क्या डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए रात में दूध पीना सही है?

दूध ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने का काम करता है, क्योंकि लैक्टोस शुगर में तबदील हो जाता है, इसलिए शुगर के मरीज़ों को रात में दूध पीने से बचना चाहिए। साथ ही, लैक्टोस के टूटने पर मिली ऊर्जा का इस्तेमाल रात के समय में शरीर नहीं कर पाता है। इसलिए सुबह नाश्ते में दूध पीना ज़्यादा बेहतर है, उस वक्त शरीर के शुगर लेवल कम होते हैं और दिनभर के लिए शरीर को ऊर्जा की ज़रूरत होती है। हालांकि, रात में दूध पीने से नींद अच्छी आती है, तो आप हल्दी दूध का सेवन सोने से पहले कर सकते हैं। हल्दी इंसुलिन का स्तर बढ़ाती है, जिससे ब्लड शुगर स्तर संतुलन में रहता है।

जी हां, दूध से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाते हैं, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट का स्तर उच्च होता है। एक कप गाय के दूध में:
फैट- 7 ग्राम
कैलोरीज़- 152
कार्ब्स- 12 ग्राम
यहां तक कि लो फैट गाय के दूध में भी कार्ब्स की मात्रा 12 ग्राम ही होती है।

इसलिए जो लोग शुगर के मरीज़ हैं, उन्हें स्किम मिल्क लेने की सलाह दी जाती है, जो फैट्स और कैलोरी में कम होता है। यह गाय के दूध की तरह ब्लड शुगर के लेवल को नहीं बढ़ाता। इसके अलावा बादाम का दूध, सोया दूध और फ्लैक्स दूध में भी कार्ब्स और कैलोरी की मात्रा कम होती है।

डायबिटीज़ के मरीज़ दिनभर में कितना दूध पी सकते हैं?
डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को दूध की मात्रा पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है, क्योंकि इससे ब्लड ग्लूकोज़ लेवल बढ़ सकता है। हर खाने का असर हर व्यक्ति पर अलग तरह का होता है। इसलिए शरीर के हिसाब से मील प्लान करना ज़रूरी है। आमतौर पर दिन में 3 कप दूध पिया जा सकता है, लेकिन फिर भी एक कप दूध के बाद अपना ब्लड शुगर स्तर ज़रूर जांच लें।